DARPAN HINDI PAGE 5
ਨਾਨਕ ਆਖਣਿ ਸਭੁ ਕੋ ਆਖੈ ਇਕ ਦੂ ਇਕੁ ਸਿਆਣਾ ॥ नानक, आखणि सभु को आखै, इक दू इकु सिआणा॥ O’ Nanak, everyone tries to describe the glory of God, while each thinking himself wiser than the others. हे नानक! हरेक जीव अपने आप को दूसरे से ज्यादा समझदार समझ के (अकाल-पुरख की वडियाई) बताने का