HINDI PAGE 32
ਹਉ ਹਉ ਕਰਤੀ ਜਗੁ ਫਿਰੀ ਨਾ ਧਨੁ ਸੰਪੈ ਨਾਲਿ ॥हउ हउ करती जगु फिरी ना धनु स्मपै नालि ॥ ऐसी जीव-कामिनी ‘मैं-मैं करती हुई सम्पूर्ण संसार में भटकती फिरती है, किन्तु यह धन-सम्पति किसी के साथ नहीं गई। ਅੰਧੀ ਨਾਮੁ ਨ ਚੇਤਈ ਸਭ ਬਾਧੀ ਜਮਕਾਲਿ ॥अंधी नामु न चेतई सभ बाधी जमकालि ॥भौतिक पदार्थों के लोभ