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ਜਿਸ ਨੋ ਦਇਆਲੁ ਹੋਵੈ ਮੇਰਾ ਸੁਆਮੀ ਤਿਸੁ ਗੁਰਸਿਖ ਗੁਰੂ ਉਪਦੇਸੁ ਸੁਣਾਵੈ ॥

Guru donne de tels enseignements uniquement sur ce Gursikh (disciple), que Dieu devient aimable.

ਜਨੁ ਨਾਨਕੁ ਧੂੜਿ ਮੰਗੈ ਤਿਸੁ ਗੁਰਸਿਖ ਕੀ ਜੋ ਆਪਿ ਜਪੈ ਅਵਰਹ ਨਾਮੁ ਜਪਾਵੈ ॥੨॥

Nanak, humblement, se soumet lui-même à ce Gursikh (disciple), qui médite sur le Nom de Dieu avec amour et dévotion et inspire les autres à faire de même. ||2||

ਪਉੜੀ ॥

Pauree:

ਜੋ ਤੁਧੁ ਸਚੁ ਧਿਆਇਦੇ ਸੇ ਵਿਰਲੇ ਥੋੜੇ ॥

O Dieu, très rares sont ceux qui méditent sur Vous avec amour et dévotion.

ਜੋ ਮਨਿ ਚਿਤਿ ਇਕੁ ਅਰਾਧਦੇ ਤਿਨ ਕੀ ਬਰਕਤਿ ਖਾਹਿ ਅਸੰਖ ਕਰੋੜੇ ॥

D’innombrables personnes profitent spirituellement de ceux qui méditent sur Vous avec de la concentration totale de leur esprit.

ਤੁਧੁਨੋ ਸਭ ਧਿਆਇਦੀ ਸੇ ਥਾਇ ਪਏ ਜੋ ਸਾਹਿਬ ਲੋੜੇ ॥

O Dieu, bien que tout le monde se souvienne de Vous, mais ils sont approuvés qui Vous, le Maître-Dieu aime.

ਜੋ ਬਿਨੁ ਸਤਿਗੁਰ ਸੇਵੇ ਖਾਦੇ ਪੈਨਦੇ ਸੇ ਮੁਏ ਮਰਿ ਜੰਮੇ ਕੋੜ੍ਹੇ ॥

Ces malheureux qui vont sur leur vie quotidienne sans suivre les enseignements de Guru, continuent à souffrir dans les cycles de la naissance et de la mort.

ਓਇ ਹਾਜਰੁ ਮਿਠਾ ਬੋਲਦੇ ਬਾਹਰਿ ਵਿਸੁ ਕਢਹਿ ਮੁਖਿ ਘੋਲੇ ॥

En sa présence il prononce des mots doux, mais les calomnie derrière leur dos.

ਮਨਿ ਖੋਟੇ ਦਯਿ ਵਿਛੋੜੇ ॥੧੧॥

मनि खोटे दयि विछोड़े ॥११॥

ऐसे मन से खोटे पुरुषों को ईश्वर ने जुदा कर दिया है॥ ११॥

Dieu jette une telle personne avec mal d’esprit loin de Lui. ||11||

ਸਲੋਕ ਮਃ ੪ ॥

सलोक मः ४ ॥

श्लोक महला ४॥

Salok, Quatrième Guru:

ਮਲੁ ਜੂਈ ਭਰਿਆ ਨੀਲਾ ਕਾਲਾ ਖਿਧੋਲੜਾ ਤਿਨਿ ਵੇਮੁਖਿ ਵੇਮੁਖੈ ਨੋ ਪਾਇਆ ॥

मलु जूई भरिआ नीला काला खिधोलड़ा तिनि वेमुखि वेमुखै नो पाइआ ॥

उस विमुख ने दूसरे विमुख को जूओं से भरा हुआ नीला एवं काला पहरावा डाल दिया है।

Un infidèle maître fait son infidèle serviteur de mettre sur un poux laden sale noir et bleu robe de déposer une plainte contre le Guru.

ਪਾਸਿ ਨ ਦੇਈ ਕੋਈ ਬਹਣਿ ਜਗਤ ਮਹਿ ਗੂਹ ਪੜਿ ਸਗਵੀ ਮਲੁ ਲਾਇ ਮਨਮੁਖੁ ਆਇਆ ॥

पासि न देई कोई बहणि जगत महि गूह पड़ि सगवी मलु लाइ मनमुखु आइआ ॥

इस जगत् में उसे कोई निकट नहीं बैठने देता, गन्दगी में पड़कर अपितु बहुत-सी मैल लगाकर मनमुख (वापिस) आया।

L’infidèle serviteur revient plus en disgrâce après la perte de l’affaire, et personne dans le monde ne s’asseyait près de lui.

ਪਰਾਈ ਜੋ ਨਿੰਦਾ ਚੁਗਲੀ ਨੋ ਵੇਮੁਖੁ ਕਰਿ ਕੈ ਭੇਜਿਆ ਓਥੈ ਭੀ ਮੁਹੁ ਕਾਲਾ ਦੁਹਾ ਵੇਮੁਖਾ ਦਾ ਕਰਾਇਆ ॥

पराई जो निंदा चुगली नो वेमुखु करि कै भेजिआ ओथै भी मुहु काला दुहा वेमुखा दा कराइआ ॥

जो मनुष्य पराई निन्दा एवं चुगली करने के लिए परामर्श करके भेजा गया था, वहाँ भी दोनों का मुँह काला किया गया।

L’infidèle , qui a été envoyé à la calomnie et médit le Guru a été mis à la honte avec l’infidèle maître.

ਤੜ ਸੁਣਿਆ ਸਭਤੁ ਜਗਤ ਵਿਚਿ ਭਾਈ ਵੇਮੁਖੁ ਸਣੈ ਨਫਰੈ ਪਉਲੀ ਪਉਦੀ ਫਾਵਾ ਹੋਇ ਕੈ ਉਠਿ ਘਰਿ ਆਇਆ ॥

तड़ सुणिआ सभतु जगत विचि भाई वेमुखु सणै नफरै पउली पउदी फावा होइ कै उठि घरि आइआ ॥

हे भाई ! जगत् में सब ओर एक-दम सुना गया कि विमुख को नौकर सहित जूतियाँ (खानी) पड़ीं और खूव हल्का होकर घर को उठ आया है।

O’ brother, instantanément, tout le monde est venu de savoir que cet infidèle maître avec son serviteur, ont été examinés de manière approfondie et, de retour à la maison dans une véritable honte.

ਅਗੈ ਸੰਗਤੀ ਕੁੜਮੀ ਵੇਮੁਖੁ ਰਲਣਾ ਨ ਮਿਲੈ ਤਾ ਵਹੁਟੀ ਭਤੀਜੀਂ ਫਿਰਿ ਆਣਿ ਘਰਿ ਪਾਇਆ ॥

अगै संगती कुड़मी वेमुखु रलणा न मिलै ता वहुटी भतीजीं फिरि आणि घरि पाइआ ॥

आगे संबंधियों में विमुख को बैठना मिले भी तो फिर पत्नी तथा भतीजों ने लाकर घर में स्थान दिया,

L’infidèle maître n’était pas autorisé à se mêler à la société et sa famille (épouse et nièce) le ramène à la maison.

ਹਲਤੁ ਪਲਤੁ ਦੋਵੈ ਗਏ ਨਿਤ ਭੁਖਾ ਕੂਕੇ ਤਿਹਾਇਆ ॥

हलतु पलतु दोवै गए नित भुखा कूके तिहाइआ ॥

उसके लोक-परलोक दोनों व्यर्थ गए और अब भूखा तथा प्यासा रोता है।

Il a perdu son honneur à la fois ici et dans l’au-delà; il crie continuellement à l’agonie.

ਧਨੁ ਧਨੁ ਸੁਆਮੀ ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ ਹੈ ਜਿਨਿ ਨਿਆਉ ਸਚੁ ਬਹਿ ਆਪਿ ਕਰਾਇਆ ॥

धनु धनु सुआमी करता पुरखु है जिनि निआउ सचु बहि आपि कराइआ ॥

जगत् का स्वामी कर्ता पुरुष धन्य धन्य है, जिसने न्याय के आसन पर विराज कर स्वयं सच्चा न्याय करवाया है।

Grand est le Créateur, Qui a Lui-même eu ce vrai jugement livré,

ਜੋ ਨਿੰਦਾ ਕਰੇ ਸਤਿਗੁਰ ਪੂਰੇ ਕੀ ਸੋ ਸਾਚੈ ਮਾਰਿ ਪਚਾਇਆ ॥

जो निंदा करे सतिगुर पूरे की सो साचै मारि पचाइआ ॥

जो मनुष्य पूर्ण सतिगुरु की निन्दा करता है, उसको सच्चा स्वामी दण्ड देकर मार फेंकता है।

celui qui calomnie le vrai Guru est spirituellement détruit par le Dieu éternel Lui-même.

ਏਹੁ ਅਖਰੁ ਤਿਨਿ ਆਖਿਆ ਜਿਨਿ ਜਗਤੁ ਸਭੁ ਉਪਾਇਆ ॥੧॥

एहु अखरु तिनि आखिआ जिनि जगतु सभु उपाइआ ॥१॥

यह न्याय का वचन उस ईश्वर ने स्वयं कहा है, जिसने इस सृष्टि की रचना की है॥ १॥

Ce mot de la vraie justice est prononcé par Celui qui a créé cet univers.||1||

ਮਃ ੪ ॥

Salok, Quatrième Guru:

ਸਾਹਿਬੁ ਜਿਸ ਕਾ ਨੰਗਾ ਭੁਖਾ ਹੋਵੈ ਤਿਸ ਦਾ ਨਫਰੁ ਕਿਥਹੁ ਰਜਿ ਖਾਏ ॥

Comment peut l’adepte être spirituellement repu dont le maître est lui-même en faillite spirituelle.

ਜਿ ਸਾਹਿਬ ਕੈ ਘਰਿ ਵਥੁ ਹੋਵੈ ਸੁ ਨਫਰੈ ਹਥਿ ਆਵੈ ਅਣਹੋਦੀ ਕਿਥਹੁ ਪਾਏ ॥

Si il y a quelque chose dans sa maison de maître, il peut l’obtenir; mais comment peut-il faire ce n’est pas là?

ਜਿਸ ਦੀ ਸੇਵਾ ਕੀਤੀ ਫਿਰਿ ਲੇਖਾ ਮੰਗੀਐ ਸਾ ਸੇਵਾ ਅਉਖੀ ਹੋਈ ॥

Il est inutile d’effectuer le service pour le failli maître, après avoir fait ce qui est toujours demandé de tenir compte de ses actes.

ਨਾਨਕ ਸੇਵਾ ਕਰਹੁ ਹਰਿ ਗੁਰ ਸਫਲ ਦਰਸਨ ਕੀ ਫਿਰਿ ਲੇਖਾ ਮੰਗੈ ਨ ਕੋਈ ॥੨॥

नानक सेवा करहु हरि गुर सफल दरसन की फिरि लेखा मंगै न कोई ॥२॥

हे नानक ! जिस ईश्वर एवं गुरु का दर्शन (मानव जन्म को) सफल (करता) है, उसकी सेवा करो तांकि फिर कोई लेखा न मॉगे ॥ २ ॥

O Nanak, amoureusement méditez sur le Guru et Dieu, dont la bienheureuse vision humaine de la vie féconde, et personne ne vous demande pour le compte de ses actes. ||2||

ਪਉੜੀ ॥

पउड़ी ॥

पउड़ी ॥

Pauree:

ਨਾਨਕ ਵੀਚਾਰਹਿ ਸੰਤ ਜਨ ਚਾਰਿ ਵੇਦ ਕਹੰਦੇ ॥

नानक वीचारहि संत जन चारि वेद कहंदे ॥

हे नानक ! संतजन विचार करते हैं और चारों वेद कहते हैं कि

O Nanak, les Saints pense, et les quatre Védas (les livres religieux) proclament,

ਭਗਤ ਮੁਖੈ ਤੇ ਬੋਲਦੇ ਸੇ ਵਚਨ ਹੋਵੰਦੇ ॥

भगत मुखै ते बोलदे से वचन होवंदे ॥

भक्तजन जो वचन मुँह से बोलते हैं, वे सत्य ही पूरे हो जाते हैं।

que tout ce que les adeptes de Dieu prononcent vient de passer.

ਪ੍ਰਗਟ ਪਹਾਰਾ ਜਾਪਦਾ ਸਭਿ ਲੋਕ ਸੁਣੰਦੇ ॥

प्रगट पहारा जापदा सभि लोक सुणंदे ॥

भक्त समूचे जगत् में लोकप्रिय हो जाते हैं, उनकी शोभा सभी लोग सुनते हैं।

Les adeptes deviennent connus dans le monde entier et les gens écoutent.

ਸੁਖੁ ਨ ਪਾਇਨਿ ਮੁਗਧ ਨਰ ਸੰਤ ਨਾਲਿ ਖਹੰਦੇ ॥

सुखु न पाइनि मुगध नर संत नालि खहंदे ॥

जो मूख लोग संतों से वैर-विरोध करते हैं, वे सुख नहीं पाते।

Mais les imbéciles qui envie les Saints ne reçoivent jamais de paix.

ਓਇ ਲੋਚਨਿ ਓਨਾ ਗੁਣੈ ਨੋ ਓਇ ਅਹੰਕਾਰਿ ਸੜੰਦੇ ॥

ओइ लोचनि ओना गुणै नो ओइ अहंकारि सड़ंदे ॥

वे दोषी जलते तो अहंकार में हैं परन्तु संतजनों के गुणों को तरसते हैं।

Ils brûlent dans leur ego, mais la nostalgie de la vertus des Saints.

ਓਇ ਵਿਚਾਰੇ ਕਿਆ ਕਰਹਿ ਜਾ ਭਾਗ ਧੁਰਿ ਮੰਦੇ ॥

ओइ विचारे किआ करहि जा भाग धुरि मंदे ॥

इन दोषी मनुष्यों के वश में भी क्या है? चूंकि आदि काल से कुसंस्कार ही उनका भाग्य है।

Que peuvent faire ces infortunés, si tel est leur funeste destin?

ਜੋ ਮਾਰੇ ਤਿਨਿ ਪਾਰਬ੍ਰਹਮਿ ਸੇ ਕਿਸੈ ਨ ਸੰਦੇ ॥

मारे तिनि पारब्रहमि से किसै न संदे ॥

जिनका उस पारब्रह्म ने नाश किया है, वह किसी के भी मित्र नहीं।

Ceux qui sont frappés par le Dieu Suprême ne sont pas fidèles à personne.

ਵੈਰੁ ਕਰਹਿ ਨਿਰਵੈਰ ਨਾਲਿ ਧਰਮ ਨਿਆਇ ਪਚੰਦੇ ॥

वैरु करहि निरवैर नालि धरम निआइ पचंदे ॥

यह धर्म का न्याय है कि जो निर्वेर से वैर करते हैं, वह नष्ट हो जाते हैं।

Ils abritent l’hostilité à l’encontre même de ceux qui ne portent pas la rancune contre quelqu’un, et selon la justice de Dieu, ils souffrent à l’agonie.

ਜੋ ਜੋ ਸੰਤਿ ਸਰਾਪਿਆ ਸੇ ਫਿਰਹਿ ਭਵੰਦੇ ॥

जो जो संति सरापिआ से फिरहि भवंदे ॥

जिन्हें संतों ने तिरस्कृत किया है, वे भटकते रहते हैं।

Ceux qui sont maudits par les Saints vont continuer à errer sans but.

ਪੇਡੁ ਮੁੰਢਾਹੂੰ ਕਟਿਆ ਤਿਸੁ ਡਾਲ ਸੁਕੰਦੇ ॥੧੨॥

Ils, qui sont maudits par les Saints , sont détruits avec leurs familles , tout comme l’arbre qui est coupé de ses racines. ||12||

ਸਲੋਕ ਮਃ ੪ ॥

Salok, Quatrième Guru:

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