ਮੇਰਾ ਤੇਰਾ ਛੋਡੀਐ ਭਾਈ ਹੋਈਐ ਸਭ ਕੀ ਧੂਰਿ ॥
मेरा तेरा छोडीऐ भाई होईऐ सभ की धूरि ॥
हे भाई ! ‘मेरा-तेरा’ की भावना त्याग देनी चाहिए और सबकी चरणों की धूल बन जाना चाहिए।
ਘਟਿ ਘਟਿ ਬ੍ਰਹਮੁ ਪਸਾਰਿਆ ਭਾਈ ਪੇਖੈ ਸੁਣੈ ਹਜੂਰਿ ॥
घटि घटि ब्रहमु पसारिआ भाई पेखै सुणै हजूरि ॥
ईश्वर तो घट-घट में विद्यमान है और वह प्रत्यक्ष सबको देखता एवं सुनता है।
ਜਿਤੁ ਦਿਨਿ ਵਿਸਰੈ ਪਾਰਬ੍ਰਹਮੁ ਭਾਈ ਤਿਤੁ ਦਿਨਿ ਮਰੀਐ ਝੂਰਿ ॥
जितु दिनि विसरै पारब्रहमु भाई तितु दिनि मरीऐ झूरि ॥
हे भाई ! जिस दिन भी मनुष्य को परब्रह्म विस्मृत हो जाता है, उस दिन उसे अफसोस से मर जाना चाहिए।
ਕਰਨ ਕਰਾਵਨ ਸਮਰਥੋ ਭਾਈ ਸਰਬ ਕਲਾ ਭਰਪੂਰਿ ॥੪॥
करन करावन समरथो भाई सरब कला भरपूरि ॥४॥
हे भाई ! सृष्टि का मूल परमात्मा सभी कार्य करने-कराने में समर्थ है, वह सर्वकला सम्पूर्ण है ॥४॥
ਪ੍ਰੇਮ ਪਦਾਰਥੁ ਨਾਮੁ ਹੈ ਭਾਈ ਮਾਇਆ ਮੋਹ ਬਿਨਾਸੁ ॥
प्रेम पदारथु नामु है भाई माइआ मोह बिनासु ॥
भगवान का नाम ऐसा प्रेम रूपी बहुमूल्य धन है, जिसके कारण माया-मोह का नाश हो जाता है।
ਤਿਸੁ ਭਾਵੈ ਤਾ ਮੇਲਿ ਲਏ ਭਾਈ ਹਿਰਦੈ ਨਾਮ ਨਿਵਾਸੁ ॥
तिसु भावै ता मेलि लए भाई हिरदै नाम निवासु ॥
हे भाई ! यद्यपि उसे भला लगे तो वह मनुष्य को अपने साथ मिला लेता है और उसके हृदय में नाम का निवास हो जाता है।
ਗੁਰਮੁਖਿ ਕਮਲੁ ਪ੍ਰਗਾਸੀਐ ਭਾਈ ਰਿਦੈ ਹੋਵੈ ਪਰਗਾਸੁ ॥
गुरमुखि कमलु प्रगासीऐ भाई रिदै होवै परगासु ॥
हे भाई ! गुरु के सान्निध्य में हृदय-कमल प्रफुल्लित होने से हृदय में सत्य की ज्योति का प्रकाश हो जाता है।
ਪ੍ਰਗਟੁ ਭਇਆ ਪਰਤਾਪੁ ਪ੍ਰਭ ਭਾਈ ਮਉਲਿਆ ਧਰਤਿ ਅਕਾਸੁ ॥੫॥
प्रगटु भइआ परतापु प्रभ भाई मउलिआ धरति अकासु ॥५॥
प्रभु के तेज-प्रताप से धरती एवं आकाश भी कृतार्थ हो गए हैं॥ ५॥
ਗੁਰਿ ਪੂਰੈ ਸੰਤੋਖਿਆ ਭਾਈ ਅਹਿਨਿਸਿ ਲਾਗਾ ਭਾਉ ॥
गुरि पूरै संतोखिआ भाई अहिनिसि लागा भाउ ॥
हे भाई ! पूर्ण गुरदेव ने हमें संतोष प्रदान किया है और अब हमारा दिन-रात भगवान से स्नेह लगा रहता है।
ਰਸਨਾ ਰਾਮੁ ਰਵੈ ਸਦਾ ਭਾਈ ਸਾਚਾ ਸਾਦੁ ਸੁਆਉ ॥
रसना रामु रवै सदा भाई साचा सादु सुआउ ॥
हमारी रसना हमेशा राम का ही भजन करती है और हमें यही जीवन का सच्चा स्वाद एवं मनोरथ लगता है।
ਕਰਨੀ ਸੁਣਿ ਸੁਣਿ ਜੀਵਿਆ ਭਾਈ ਨਿਹਚਲੁ ਪਾਇਆ ਥਾਉ ॥
करनी सुणि सुणि जीविआ भाई निहचलु पाइआ थाउ ॥
हे भाई ! हम तो अपने कानों से हरि का नाम सुन-सुनकर कर ही जीवित हैं और अब हमें अटल स्थान प्राप्त हो गया है।
ਜਿਸੁ ਪਰਤੀਤਿ ਨ ਆਵਈ ਭਾਈ ਸੋ ਜੀਅੜਾ ਜਲਿ ਜਾਉ ॥੬॥
जिसु परतीति न आवई भाई सो जीअड़ा जलि जाउ ॥६॥
जिस मन में भगवान के प्रति आस्था नहीं आती, उसे जल जाना ही चाहिए॥ ६॥
ਬਹੁ ਗੁਣ ਮੇਰੇ ਸਾਹਿਬੈ ਭਾਈ ਹਉ ਤਿਸ ਕੈ ਬਲਿ ਜਾਉ ॥
बहु गुण मेरे साहिबै भाई हउ तिस कै बलि जाउ ॥
हे भाई ! मेरे मालिक-प्रभु में अनन्त गुण हैं और मैं उस पर ही बलिहारी जाता हूँ।
ਓਹੁ ਨਿਰਗੁਣੀਆਰੇ ਪਾਲਦਾ ਭਾਈ ਦੇਇ ਨਿਥਾਵੇ ਥਾਉ ॥
ओहु निरगुणीआरे पालदा भाई देइ निथावे थाउ ॥
वह तो गुणविहीनों का भी पोषण करता है और निराश्रितों को भी आश्रय देता है।
ਰਿਜਕੁ ਸੰਬਾਹੇ ਸਾਸਿ ਸਾਸਿ ਭਾਈ ਗੂੜਾ ਜਾ ਕਾ ਨਾਉ ॥
रिजकु स्मबाहे सासि सासि भाई गूड़ा जा का नाउ ॥
वह हमें श्वास-श्वास से भोजन पहुँचाता है, जिसका नाम बड़ा गहनगंभीर है।
ਜਿਸੁ ਗੁਰੁ ਸਾਚਾ ਭੇਟੀਐ ਭਾਈ ਪੂਰਾ ਤਿਸੁ ਕਰਮਾਉ ॥੭॥
जिसु गुरु साचा भेटीऐ भाई पूरा तिसु करमाउ ॥७॥
जिसकी सच्चे गुरु से भेंट हो जाती है, उसकी तकदीर पूर्ण है॥ ७॥
ਤਿਸੁ ਬਿਨੁ ਘੜੀ ਨ ਜੀਵੀਐ ਭਾਈ ਸਰਬ ਕਲਾ ਭਰਪੂਰਿ ॥
तिसु बिनु घड़ी न जीवीऐ भाई सरब कला भरपूरि ॥
हे भाई ! हम तो उसके बिना एक घड़ी भी जीवित नहीं रह सकते, जो सर्वकला सम्पूर्ण है।
ਸਾਸਿ ਗਿਰਾਸਿ ਨ ਵਿਸਰੈ ਭਾਈ ਪੇਖਉ ਸਦਾ ਹਜੂਰਿ ॥
सासि गिरासि न विसरै भाई पेखउ सदा हजूरि ॥
मैं तो अपने किसी श्वास एवं ग्रास से उसे विस्मृत नहीं करता और हमेशा ही उस प्रभु के प्रत्यक्ष दर्शन करता हूँ।
ਸਾਧੂ ਸੰਗਿ ਮਿਲਾਇਆ ਭਾਈ ਸਰਬ ਰਹਿਆ ਭਰਪੂਰਿ ॥
साधू संगि मिलाइआ भाई सरब रहिआ भरपूरि ॥
हे भाई ! जो सर्वव्यापक है, सत्संगति ने मुझे उससे मिला दिया है।
ਜਿਨਾ ਪ੍ਰੀਤਿ ਨ ਲਗੀਆ ਭਾਈ ਸੇ ਨਿਤ ਨਿਤ ਮਰਦੇ ਝੂਰਿ ॥੮॥
जिना प्रीति न लगीआ भाई से नित नित मरदे झूरि ॥८॥
जो लोग भगवान से प्रेम नहीं करते, वह हमेशा ही दुःखी होकर मरते रहते हैं।॥ ८॥
ਅੰਚਲਿ ਲਾਇ ਤਰਾਇਆ ਭਾਈ ਭਉਜਲੁ ਦੁਖੁ ਸੰਸਾਰੁ ॥
अंचलि लाइ तराइआ भाई भउजलु दुखु संसारु ॥
भगवान ने हमें अपने आंचल से लगाकर भयानक एवं दुःखों के संसार-सागर से पार कर दिया है।
ਕਰਿ ਕਿਰਪਾ ਨਦਰਿ ਨਿਹਾਲਿਆ ਭਾਈ ਕੀਤੋਨੁ ਅੰਗੁ ਅਪਾਰੁ ॥
करि किरपा नदरि निहालिआ भाई कीतोनु अंगु अपारु ॥
उसने अपनी कृपा-दृष्टि करके हमें निहाल कर दिया है और अंत तक बेहद साथ निभाएगा।
ਮਨੁ ਤਨੁ ਸੀਤਲੁ ਹੋਇਆ ਭਾਈ ਭੋਜਨੁ ਨਾਮ ਅਧਾਰੁ ॥
मनु तनु सीतलु होइआ भाई भोजनु नाम अधारु ॥
हे भाई ! हमारा मन एवं तन शीतल हो गया है और नाम का भोजन ही हमारा जीवनाधार है।
ਨਾਨਕ ਤਿਸੁ ਸਰਣਾਗਤੀ ਭਾਈ ਜਿ ਕਿਲਬਿਖ ਕਾਟਣਹਾਰੁ ॥੯॥੧॥
नानक तिसु सरणागती भाई जि किलबिख काटणहारु ॥९॥१॥
नानक तो उस ईश्वर की शरण में है, जो किल्विष-पापों को नाश करने वाला है ॥६॥१॥
ਸੋਰਠਿ ਮਹਲਾ ੫ ॥
सोरठि महला ५ ॥
सोरठि महला ५ ॥
ਮਾਤ ਗਰਭ ਦੁਖ ਸਾਗਰੋ ਪਿਆਰੇ ਤਹ ਅਪਣਾ ਨਾਮੁ ਜਪਾਇਆ ॥
मात गरभ दुख सागरो पिआरे तह अपणा नामु जपाइआ ॥
माता का गर्भ भी दुःख-तकलीफों का गहरा सागर है लेकिन हे प्यारे प्रभु ! वहाँ भी तूने अपने नाम का ही जाप करवाया है।
ਬਾਹਰਿ ਕਾਢਿ ਬਿਖੁ ਪਸਰੀਆ ਪਿਆਰੇ ਮਾਇਆ ਮੋਹੁ ਵਧਾਇਆ ॥
बाहरि काढि बिखु पसरीआ पिआरे माइआ मोहु वधाइआ ॥
जब माता के गर्भ से जीव बाहर निकला तो उसके भीतर मोह-माया का विष फैल गया।
ਜਿਸ ਨੋ ਕੀਤੋ ਕਰਮੁ ਆਪਿ ਪਿਆਰੇ ਤਿਸੁ ਪੂਰਾ ਗੁਰੂ ਮਿਲਾਇਆ ॥
जिस नो कीतो करमु आपि पिआरे तिसु पूरा गुरू मिलाइआ ॥
हे प्यारे प्रभु ! जिस पर तूने अपनी कृपा की, उसे पूर्ण गुरु से मिला दिया।
ਸੋ ਆਰਾਧੇ ਸਾਸਿ ਸਾਸਿ ਪਿਆਰੇ ਰਾਮ ਨਾਮ ਲਿਵ ਲਾਇਆ ॥੧॥
सो आराधे सासि सासि पिआरे राम नाम लिव लाइआ ॥१॥
गुरु से साक्षात्कार करके वह अपने श्वास-श्वास आराधना करता है और उसकी सुरति राम-नाम से लगा दी ॥१॥
ਮਨਿ ਤਨਿ ਤੇਰੀ ਟੇਕ ਹੈ ਪਿਆਰੇ ਮਨਿ ਤਨਿ ਤੇਰੀ ਟੇਕ ॥
मनि तनि तेरी टेक है पिआरे मनि तनि तेरी टेक ॥
हे प्रभु ! हमारे मन एवं तन में तेरा ही सहारा है।
ਤੁਧੁ ਬਿਨੁ ਅਵਰੁ ਨ ਕਰਨਹਾਰੁ ਪਿਆਰੇ ਅੰਤਰਜਾਮੀ ਏਕ ॥ ਰਹਾਉ ॥
तुधु बिनु अवरु न करनहारु पिआरे अंतरजामी एक ॥ रहाउ ॥
तेरे सिवाय अन्य कोई सृजनहार नहीं और एक तू ही अन्तर्यामी है॥ रहाउ॥
ਕੋਟਿ ਜਨਮ ਭ੍ਰਮਿ ਆਇਆ ਪਿਆਰੇ ਅਨਿਕ ਜੋਨਿ ਦੁਖੁ ਪਾਇ ॥
कोटि जनम भ्रमि आइआ पिआरे अनिक जोनि दुखु पाइ ॥
हे प्यारे ! जीव करोड़ों ही जन्मों में भटकने एवं अनेक योनियों में कष्ट सहन करके इस दुनिया में आता है।
ਸਾਚਾ ਸਾਹਿਬੁ ਵਿਸਰਿਆ ਪਿਆਰੇ ਬਹੁਤੀ ਮਿਲੈ ਸਜਾਇ ॥
साचा साहिबु विसरिआ पिआरे बहुती मिलै सजाइ ॥
जब जीव सच्चे परमेश्वर को भुला देता है तो उसे कठोर दण्ड मिलता है।
ਜਿਨ ਭੇਟੈ ਪੂਰਾ ਸਤਿਗੁਰੂ ਪਿਆਰੇ ਸੇ ਲਾਗੇ ਸਾਚੈ ਨਾਇ ॥
जिन भेटै पूरा सतिगुरू पिआरे से लागे साचै नाइ ॥
लेकिन जिनकी पूर्ण सतगुरु से भेंट हो जाती है, वे सत्य नाम में तल्लीन हो जाते हैं।