ਗੋਂਡ ॥
गोंड ॥
गोंड ॥
ਮੋਹਿ ਲਾਗਤੀ ਤਾਲਾਬੇਲੀ ॥
मोहि लागती तालाबेली ॥
नाम बिना मुझे ऐसी बेचैनी हो जाती है,
ਬਛਰੇ ਬਿਨੁ ਗਾਇ ਅਕੇਲੀ ॥੧॥
बछरे बिनु गाइ अकेली ॥१॥
जैसे बछड़े के बिना गाय अकेली हो जाती है।॥ १॥
ਪਾਨੀਆ ਬਿਨੁ ਮੀਨੁ ਤਲਫੈ ॥
पानीआ बिनु मीनु तलफै ॥
जैसे पानी के बिना मछली तड़पती है,
ਐਸੇ ਰਾਮ ਨਾਮਾ ਬਿਨੁ ਬਾਪੁਰੋ ਨਾਮਾ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
ऐसे राम नामा बिनु बापुरो नामा ॥१॥ रहाउ ॥
वैसे ही राम नाम बिना बेचारा नामदेव तड़पता रहता है। १॥ रहाउ ॥
ਜੈਸੇ ਗਾਇ ਕਾ ਬਾਛਾ ਛੂਟਲਾ ॥
जैसे गाइ का बाछा छूटला ॥
जैसे खूंटे से बंधा हुआ बछड़ा छूटकर
ਥਨ ਚੋਖਤਾ ਮਾਖਨੁ ਘੂਟਲਾ ॥੨॥
थन चोखता माखनु घूटला ॥२॥
गाय के थन चूंघता और दूध के घूट भरता है॥ २॥
ਨਾਮਦੇਉ ਨਾਰਾਇਨੁ ਪਾਇਆ ॥
नामदेउ नाराइनु पाइआ ॥
नामदेव ने नारायण को पा लिया है,
ਗੁਰੁ ਭੇਟਤ ਅਲਖੁ ਲਖਾਇਆ ॥੩॥
गुरु भेटत अलखु लखाइआ ॥३॥
गुरु से मुलाकात करते ही नामदेव को अदृष्ट प्रभु दिखा दिया है। ३॥
ਜੈਸੇ ਬਿਖੈ ਹੇਤ ਪਰ ਨਾਰੀ ॥
जैसे बिखै हेत पर नारी ॥
जैसे कामवासना के लिए कामुक पुरुष की पराई नारी से प्रीति होती है,
ਐਸੇ ਨਾਮੇ ਪ੍ਰੀਤਿ ਮੁਰਾਰੀ ॥੪॥
ऐसे नामे प्रीति मुरारी ॥४॥
वैसे ही नामदेव की ईश्वर से प्रीति है॥ ४ ॥
ਜੈਸੇ ਤਾਪਤੇ ਨਿਰਮਲ ਘਾਮਾ ॥
जैसे तापते निरमल घामा ॥
जैसे कड़कती धूप की गर्मी में लोगों के शरीर जलते हैं,
ਤੈਸੇ ਰਾਮ ਨਾਮਾ ਬਿਨੁ ਬਾਪੁਰੋ ਨਾਮਾ ॥੫॥੪॥
तैसे राम नामा बिनु बापुरो नामा ॥५॥४॥
वैसे ही राम नाम बिना बेचारा नामदेव विरह की अग्नि में जलता है॥ ५॥ ४॥
ਰਾਗੁ ਗੋਂਡ ਬਾਣੀ ਨਾਮਦੇਉ ਜੀਉ ਕੀ ਘਰੁ ੨
रागु गोंड बाणी नामदेउ जीउ की घरु २
रागु गोंड बाणी नामदेउ जीउ की घरु २
ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
ਹਰਿ ਹਰਿ ਕਰਤ ਮਿਟੇ ਸਭਿ ਭਰਮਾ ॥
हरि हरि करत मिटे सभि भरमा ॥
‘हरि-हरि’ मंत्र का जाप करने से सभी भ्रम मिट जाते हैं।
ਹਰਿ ਕੋ ਨਾਮੁ ਲੈ ਊਤਮ ਧਰਮਾ ॥
हरि को नामु लै ऊतम धरमा ॥
हरि का नाम जपना ही सबसे उत्तम धर्म है।
ਹਰਿ ਹਰਿ ਕਰਤ ਜਾਤਿ ਕੁਲ ਹਰੀ ॥
हरि हरि करत जाति कुल हरी ॥
हरि-नाम का मनन करने से जाति एवं कुल का भेदभाव मिट जाता है।
ਸੋ ਹਰਿ ਅੰਧੁਲੇ ਕੀ ਲਾਕਰੀ ॥੧॥
सो हरि अंधुले की लाकरी ॥१॥
सो हरि-नाम अंधे की लाठी है॥ १॥
ਹਰਏ ਨਮਸਤੇ ਹਰਏ ਨਮਹ ॥
हरए नमसते हरए नमह ॥
हरि को कोटि-कोटि प्रणाम है और हरि को ही हमारा नमन है।
ਹਰਿ ਹਰਿ ਕਰਤ ਨਹੀ ਦੁਖੁ ਜਮਹ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
हरि हरि करत नही दुखु जमह ॥१॥ रहाउ ॥
हरि नाम का ध्यान करने से यम का दुख नहीं भोगना पड़ता॥ १॥ रहाउ॥
ਹਰਿ ਹਰਨਾਕਸ ਹਰੇ ਪਰਾਨ ॥
हरि हरनाकस हरे परान ॥
हरि ने हिरण्यकशिपु दैत्य के प्राण पखेरु किएः
ਅਜੈਮਲ ਕੀਓ ਬੈਕੁੰਠਹਿ ਥਾਨ ॥
अजैमल कीओ बैकुंठहि थान ॥
पापी अजामल को बैकुण्ठ में स्थान दिया;
ਸੂਆ ਪੜਾਵਤ ਗਨਿਕਾ ਤਰੀ ॥
सूआ पड़ावत गनिका तरी ॥
तोते को हरि-नाम का पाठ पढ़ाने से वेश्या का छुटकारा हो गया,
ਸੋ ਹਰਿ ਨੈਨਹੁ ਕੀ ਪੂਤਰੀ ॥੨॥
सो हरि नैनहु की पूतरी ॥२॥
सो ऐसा हरि मेरे नयनों की पुतली है॥ २॥
ਹਰਿ ਹਰਿ ਕਰਤ ਪੂਤਨਾ ਤਰੀ ॥
हरि हरि करत पूतना तरी ॥
हरि नाम जपने से पूतना राक्षसी का उद्धार हो गया,
ਬਾਲ ਘਾਤਨੀ ਕਪਟਹਿ ਭਰੀ ॥
बाल घातनी कपटहि भरी ॥
जो बालघाती एवं कपट से भरी हुई थी।
ਸਿਮਰਨ ਦ੍ਰੋਪਦ ਸੁਤ ਉਧਰੀ ॥
सिमरन द्रोपद सुत उधरी ॥
हरि का सिमरन करने से राजा द्रुपद की कन्या द्रौपदी का उद्धार हो गया था और
ਗਊਤਮ ਸਤੀ ਸਿਲਾ ਨਿਸਤਰੀ ॥੩॥
गऊतम सती सिला निसतरी ॥३॥
गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या जो पति के शाप कारण शिला बन गई थी, उसका भी निस्तारा हो गया था॥ ३॥
ਕੇਸੀ ਕੰਸ ਮਥਨੁ ਜਿਨਿ ਕੀਆ ॥
केसी कंस मथनु जिनि कीआ ॥
जिसने केसी राक्षस और मथुरा नरेश दुष्ट कंस का संहार किया एवं
ਜੀਅ ਦਾਨੁ ਕਾਲੀ ਕਉ ਦੀਆ ॥
जीअ दानु काली कउ दीआ ॥
कालिया नाग को जीवन दान दिया था,
ਪ੍ਰਣਵੈ ਨਾਮਾ ਐਸੋ ਹਰੀ ॥
प्रणवै नामा ऐसो हरी ॥
ऐसे हरि को नामदेव कोटि कोटि प्रणाम करता है,
ਜਾਸੁ ਜਪਤ ਭੈ ਅਪਦਾ ਟਰੀ ॥੪॥੧॥੫॥
जासु जपत भै अपदा टरी ॥४॥१॥५॥
जिसके नाम का जाप करने से हर प्रकार के भय एवं संकट दूर हो जाते हैं॥ ४॥ १॥ ५ ॥
ਗੋਂਡ ॥
गोंड ॥
गोंड॥
ਭੈਰਉ ਭੂਤ ਸੀਤਲਾ ਧਾਵੈ ॥
भैरउ भूत सीतला धावै ॥
जो व्यक्ति भैरो, भूत अथवा शीतला देवी की ओर भागता फिरता है,
ਖਰ ਬਾਹਨੁ ਉਹੁ ਛਾਰੁ ਉਡਾਵੈ ॥੧॥
खर बाहनु उहु छारु उडावै ॥१॥
परिणामस्वरूप गधे का सवार बनकर वह धूल उड़ाता रहता है॥ १॥
ਹਉ ਤਉ ਏਕੁ ਰਮਈਆ ਲੈਹਉ ॥
हउ तउ एकु रमईआ लैहउ ॥
मैं तो केवल एक राम का नाम ही जपूँगा और
ਆਨ ਦੇਵ ਬਦਲਾਵਨਿ ਦੈਹਉ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
आन देव बदलावनि दैहउ ॥१॥ रहाउ ॥
अन्य देवी-देवताओं को (छोड़कर) इसके बदले में (सबकुछ) दे दूंगा ॥ १॥ रहाउ ॥
ਸਿਵ ਸਿਵ ਕਰਤੇ ਜੋ ਨਰੁ ਧਿਆਵੈ ॥
सिव सिव करते जो नरु धिआवै ॥
जो नर ‘शिव-शिव’ करते हुए उसका ध्यान करते हैं,
ਬਰਦ ਚਢੇ ਡਉਰੂ ਢਮਕਾਵੈ ॥੨॥
बरद चढे डउरू ढमकावै ॥२॥
वे बैल पर सवार होकर डमरू बजाते रहते हैं।॥ २ ॥
ਮਹਾ ਮਾਈ ਕੀ ਪੂਜਾ ਕਰੈ ॥
महा माई की पूजा करै ॥
जो व्यक्ति महामाई दुर्गा की पूजा करता है,
ਨਰ ਸੈ ਨਾਰਿ ਹੋਇ ਅਉਤਰੈ ॥੩॥
नर सै नारि होइ अउतरै ॥३॥
वह नर से नारी के रूप में जन्म लेता है॥ ३ ॥
ਤੂ ਕਹੀਅਤ ਹੀ ਆਦਿ ਭਵਾਨੀ ॥
तू कहीअत ही आदि भवानी ॥
तू आदि भवानी कहलाती है,
ਮੁਕਤਿ ਕੀ ਬਰੀਆ ਕਹਾ ਛਪਾਨੀ ॥੪॥
मुकति की बरीआ कहा छपानी ॥४॥
लेकिन मुक्ति देने के समय कहाँ छिप जाती है ? ॥ ४॥
ਗੁਰਮਤਿ ਰਾਮ ਨਾਮ ਗਹੁ ਮੀਤਾ ॥
गुरमति राम नाम गहु मीता ॥
हे मित्र ! गुरु-मतानुसार राम का नाम ग्रहण कर लो,
ਪ੍ਰਣਵੈ ਨਾਮਾ ਇਉ ਕਹੈ ਗੀਤਾ ॥੫॥੨॥੬॥
प्रणवै नामा इउ कहै गीता ॥५॥२॥६॥
नामदेव विनती करता है कि गीता भी यही उपदेश देती है॥ ५ ॥ २ ॥ ६ ॥
ਬਿਲਾਵਲੁ ਗੋਂਡ ॥
बिलावलु गोंड ॥
बिलावलु गोंड ॥
ਆਜੁ ਨਾਮੇ ਬੀਠਲੁ ਦੇਖਿਆ ਮੂਰਖ ਕੋ ਸਮਝਾਊ ਰੇ ॥ ਰਹਾਉ ॥
आजु नामे बीठलु देखिआ मूरख को समझाऊ रे ॥ रहाउ ॥
नामदेव ने ईश्वर के दर्शन कर लिए हैं, मैं मूर्ख को समझाता हूँ॥ रहाउ ॥
ਪਾਂਡੇ ਤੁਮਰੀ ਗਾਇਤ੍ਰੀ ਲੋਧੇ ਕਾ ਖੇਤੁ ਖਾਤੀ ਥੀ ॥
पांडे तुमरी गाइत्री लोधे का खेतु खाती थी ॥
हे पांडे ! गायत्री की पूजा और पाठ करते हो, यह कैसी श्रद्धा, क्योंकि तुम्हारा ही कथन है कि गायत्री (शाप के कारण) गाय की योनि में किसान का खेत चरने लग गई थी।
ਲੈ ਕਰਿ ਠੇਗਾ ਟਗਰੀ ਤੋਰੀ ਲਾਂਗਤ ਲਾਂਗਤ ਜਾਤੀ ਥੀ ॥੧॥
लै करि ठेगा टगरी तोरी लांगत लांगत जाती थी ॥१॥
उसने डण्डा लेकर उसकी एक टांग तोड़ दी, जिससे वह लंगड़ा – लंगड़ा कर चलती थी।॥ १॥
ਪਾਂਡੇ ਤੁਮਰਾ ਮਹਾਦੇਉ ਧਉਲੇ ਬਲਦ ਚੜਿਆ ਆਵਤੁ ਦੇਖਿਆ ਥਾ ॥
पांडे तुमरा महादेउ धउले बलद चड़िआ आवतु देखिआ था ॥
हे पांडे ! (शिव की अर्चना करते हो, साथ ही तुम लोगों का यह कथन है कि) महादेव सफेद नन्दी बैल पर चढ़कर आए,
ਮੋਦੀ ਕੇ ਘਰ ਖਾਣਾ ਪਾਕਾ ਵਾ ਕਾ ਲੜਕਾ ਮਾਰਿਆ ਥਾ ॥੨॥
मोदी के घर खाणा पाका वा का लड़का मारिआ था ॥२॥
जिस मोदी के घर उनके लिए भोजन पकाया गया था (भोजन अच्छा न लगने के कारण) उन्होंने क्रोध में आकर उसका लड़का ही अभिशाप देकर मार दिया था॥ २॥