ੴ ਸਤਿ ਨਾਮੁ ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ ਗੁਰਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥
ੴ सति नामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुरप्रसादि ॥
वह अनंतशक्ति परमपिता केवल एक है, उसका नाम सत्य है, वही सृष्टि की रचना करने वाला है, सर्वशक्तिमान है।वह भय से रहित है, उसका किसी से वैर नहीं वस्तुतः सब जीवों पर उसकी समान दृष्टि है। वह (भूत, वर्तमान, भविष्य से रहित) कालातीत, अनंत है। वह जन्म-मरण के चक्र से मुक्त है, वह स्वतः प्रकाशमान हुआ, गुरु-कृपा से प्राप्त होता है।
ਰਾਗੁ ਜੈਜਾਵੰਤੀ ਮਹਲਾ ੯ ॥
रागु जैजावंती महला ९ ॥
रागु जैजावंती महला ९ ॥
ਰਾਮੁ ਸਿਮਰਿ ਰਾਮੁ ਸਿਮਰਿ ਇਹੈ ਤੇਰੈ ਕਾਜਿ ਹੈ ॥
रामु सिमरि रामु सिमरि इहै तेरै काजि है ॥
हे मनुष्य ! परमात्मा का भजन कर,राम का भजन-संकीर्तन कर ले, यही तुम्हारा उपयुक्त कार्य है।
ਮਾਇਆ ਕੋ ਸੰਗੁ ਤਿਆਗੁ ਪ੍ਰਭ ਜੂ ਕੀ ਸਰਨਿ ਲਾਗੁ ॥
माइआ को संगु तिआगु प्रभ जू की सरनि लागु ॥
माया का साथ छोड़कर प्रभु की शरण में आ जाओ।
ਜਗਤ ਸੁਖ ਮਾਨੁ ਮਿਥਿਆ ਝੂਠੋ ਸਭ ਸਾਜੁ ਹੈ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
जगत सुख मानु मिथिआ झूठो सभ साजु है ॥१॥ रहाउ ॥
जगत के सुख एवं मान-सम्मान मिथ्या हैं और सब चीजें झूठी हैं।॥ १॥रहाउ॥
ਸੁਪਨੇ ਜਿਉ ਧਨੁ ਪਛਾਨੁ ਕਾਹੇ ਪਰਿ ਕਰਤ ਮਾਨੁ ॥
सुपने जिउ धनु पछानु काहे परि करत मानु ॥
इस तथ्य को पहचान ले केि यह धन-दौलत सब सपने की तरह है, फिर किस चीज़ का अभिमान कर रहे हो।
ਬਾਰੂ ਕੀ ਭੀਤਿ ਜੈਸੇ ਬਸੁਧਾ ਕੋ ਰਾਜੁ ਹੈ ॥੧॥
बारू की भीति जैसे बसुधा को राजु है ॥१॥
संसार का राज तो रेत की दीवार की तरह नाशवान् है॥ १॥
ਨਾਨਕੁ ਜਨੁ ਕਹਤੁ ਬਾਤ ਬਿਨਸਿ ਜੈਹੈ ਤੇਰੋ ਗਾਤੁ ॥
नानकु जनु कहतु बात बिनसि जैहै तेरो गातु ॥
गुरु नानक यही बात कहते हैं कि तेरा शरीर खत्म हो जाना है।
ਛਿਨੁ ਛਿਨੁ ਕਰਿ ਗਇਓ ਕਾਲੁ ਤੈਸੇ ਜਾਤੁ ਆਜੁ ਹੈ ॥੨॥੧॥
छिनु छिनु करि गइओ कालु तैसे जातु आजु है ॥२॥१॥
ज्यों पल-पल समय गुजर गया है, वैसे ही वर्तमान भी गुजर रहा है (राम भजन कर ले)॥ २॥१॥
ਜੈਜਾਵੰਤੀ ਮਹਲਾ ੯ ॥
जैजावंती महला ९ ॥
जैजावंती महला ९ ॥
ਰਾਮੁ ਭਜੁ ਰਾਮੁ ਭਜੁ ਜਨਮੁ ਸਿਰਾਤੁ ਹੈ ॥
रामु भजु रामु भजु जनमु सिरातु है ॥
भगवान का भजन कर ले, (मैं पुनः आग्रह करता हूँ) हरि-भजन कर ले, क्योंकेि तेरा जीवन गुजरता जा रहा है।
ਕਹਉ ਕਹਾ ਬਾਰ ਬਾਰ ਸਮਝਤ ਨਹ ਕਿਉ ਗਵਾਰ ॥
कहउ कहा बार बार समझत नह किउ गवार ॥
मैं बार-बार यही कह रहा हूँ, अरे मूर्ख ! तू क्यों नहीं समझ रहा।
ਬਿਨਸਤ ਨਹ ਲਗੈ ਬਾਰ ਓਰੇ ਸਮ ਗਾਤੁ ਹੈ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
बिनसत नह लगै बार ओरे सम गातु है ॥१॥ रहाउ ॥
इस शरीर को नष्ट होते देरी नहीं लगती, ओले की तरह यह शीघ्र ही पिघल जाता है॥ १॥रहाउ॥
ਸਗਲ ਭਰਮ ਡਾਰਿ ਦੇਹਿ ਗੋਬਿੰਦ ਕੋ ਨਾਮੁ ਲੇਹਿ ॥
सगल भरम डारि देहि गोबिंद को नामु लेहि ॥
सब वहमों को छोड़कर भगवान का नाम जप ले,
ਅੰਤਿ ਬਾਰ ਸੰਗਿ ਤੇਰੈ ਇਹੈ ਏਕੁ ਜਾਤੁ ਹੈ ॥੧॥
अंति बार संगि तेरै इहै एकु जातु है ॥१॥
क्योंकि अन्तिम समय यही तेरे साथ जाता है॥ १॥
ਬਿਖਿਆ ਬਿਖੁ ਜਿਉ ਬਿਸਾਰਿ ਪ੍ਰਭ ਕੌ ਜਸੁ ਹੀਏ ਧਾਰਿ ॥
बिखिआ बिखु जिउ बिसारि प्रभ कौ जसु हीए धारि ॥
विषय-विकारों को भुलाकर प्रभु का यश मन में बसा ले।
ਨਾਨਕ ਜਨ ਕਹਿ ਪੁਕਾਰਿ ਅਉਸਰੁ ਬਿਹਾਤੁ ਹੈ ॥੨॥੨॥
नानक जन कहि पुकारि अउसरु बिहातु है ॥२॥२॥
नानक पुकार-पुकार कर कह रहे हैं कि यह सुनहरी जीवन-अवसर बीतता जा रहा है॥ २॥२॥
ਜੈਜਾਵੰਤੀ ਮਹਲਾ ੯ ॥
जैजावंती महला ९ ॥
जैजावंती महला ९ ॥
ਰੇ ਮਨ ਕਉਨ ਗਤਿ ਹੋਇ ਹੈ ਤੇਰੀ ॥
रे मन कउन गति होइ है तेरी ॥
(बुढ़ापा आने पर मौत निकट आ रही है) हे मन ! तेरा क्या हाल हो गया है।
ਇਹ ਜਗ ਮਹਿ ਰਾਮ ਨਾਮੁ ਸੋ ਤਉ ਨਹੀ ਸੁਨਿਓ ਕਾਨਿ ॥
इह जग महि राम नामु सो तउ नही सुनिओ कानि ॥
(किस तरह मुक्ति होगी) इस जगत् में राम का नाम-संकीर्तन तो तूने सुना नहीं और न ही ध्यान दिया।
ਬਿਖਿਅਨ ਸਿਉ ਅਤਿ ਲੁਭਾਨਿ ਮਤਿ ਨਾਹਿਨ ਫੇਰੀ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
बिखिअन सिउ अति लुभानि मति नाहिन फेरी ॥१॥ रहाउ ॥
उम्र भर विषय-विकारों में आसक्त रहे और इनकी ओर से अपनी बुद्धि को बिल्कुल नहीं हटाया॥ १॥रहाउ॥
ਮਾਨਸ ਕੋ ਜਨਮੁ ਲੀਨੁ ਸਿਮਰਨੁ ਨਹ ਨਿਮਖ ਕੀਨੁ ॥
मानस को जनमु लीनु सिमरनु नह निमख कीनु ॥
मनुष्य का जन्म मिला था, परन्तु एक पल भी भगवान का स्मरण नहीं किया।
ਦਾਰਾ ਸੁਖ ਭਇਓ ਦੀਨੁ ਪਗਹੁ ਪਰੀ ਬੇਰੀ ॥੧॥
दारा सुख भइओ दीनु पगहु परी बेरी ॥१॥
अपने पुत्र एवं पत्नी के सुखों की खातिर गुलाम बन गए और पैरों में जंजीर पड़ गई॥ १॥
ਨਾਨਕ ਜਨ ਕਹਿ ਪੁਕਾਰਿ ਸੁਪਨੈ ਜਿਉ ਜਗ ਪਸਾਰੁ ॥
नानक जन कहि पुकारि सुपनै जिउ जग पसारु ॥
नानक पुकार कर कहते हैं कि जगत का प्रसार सपने की तरह है,
ਸਿਮਰਤ ਨਹ ਕਿਉ ਮੁਰਾਰਿ ਮਾਇਆ ਜਾ ਕੀ ਚੇਰੀ ॥੨॥੩॥
सिमरत नह किउ मुरारि माइआ जा की चेरी ॥२॥३॥
उस ईश्वर का सिमरन क्यों नहीं किया, जिसकी माया भी दासी है॥ २॥३॥
ਜੈਜਾਵੰਤੀ ਮਹਲਾ ੯ ॥
जैजावंती महला ९ ॥
जैजावंती महला ९ ॥
ਬੀਤ ਜੈਹੈ ਬੀਤ ਜੈਹੈ ਜਨਮੁ ਅਕਾਜੁ ਰੇ ॥
बीत जैहै बीत जैहै जनमु अकाजु रे ॥
हे प्राणी ! यह जिन्दगी व्यर्थ ही गुजर रही है।
ਨਿਸਿ ਦਿਨੁ ਸੁਨਿ ਕੈ ਪੁਰਾਨ ਸਮਝਤ ਨਹ ਰੇ ਅਜਾਨ ॥
निसि दिनु सुनि कै पुरान समझत नह रे अजान ॥
हे नासमझ ! दिन-रात पुराणों की कथा सुनकर भी समझ नहीं रहे।
ਕਾਲੁ ਤਉ ਪਹੂਚਿਓ ਆਨਿ ਕਹਾ ਜੈਹੈ ਭਾਜਿ ਰੇ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
कालु तउ पहूचिओ आनि कहा जैहै भाजि रे ॥१॥ रहाउ ॥
मृत्यु तो तेरे सामने आ गई है, फिर भला इससे बचकर किधर भागोगे॥ १॥रहाउ॥