ਦਿਨ ਤੇ ਪਹਰ ਪਹਰ ਤੇ ਘਰੀਆਂ ਆਵ ਘਟੈ ਤਨੁ ਛੀਜੈ ॥
दिन ते पहर पहर ते घरीआं आव घटै तनु छीजै ॥
दिनों से प्रहर एवं प्रहरों से घड़ियों होकर मनुष्य की आयु कम होती जाती है और उसका शरीर कमजोर होता रहता है।
Day by day, hour by hour, life runs its course and the body is withering away.
ਕਾਲੁ ਅਹੇਰੀ ਫਿਰੈ ਬਧਿਕ ਜਿਉ ਕਹਹੁ ਕਵਨ ਬਿਧਿ ਕੀਜੈ ॥੧॥
कालु अहेरी फिरै बधिक जिउ कहहु कवन बिधि कीजै ॥१॥
काल रूपी शिकारी उसके आस-पास हत्यारे की तरह फिरता रहता है। बताओ, मृत्यु से बचने के लिए वह कौन-सी विधि का प्रयोग करे ? ॥१॥
Death is hovering over us like a hunter, tell me, what can be done to escape from it? ||1||
ਸੋ ਦਿਨੁ ਆਵਨ ਲਾਗਾ ॥
सो दिनु आवन लागा ॥
वह दिन निकट आने वाला है, जब मृत्यु ने उसके प्राण छीन लेने हैं।
That day (of death) is rapidly approaching.
ਮਾਤ ਪਿਤਾ ਭਾਈ ਸੁਤ ਬਨਿਤਾ ਕਹਹੁ ਕੋਊ ਹੈ ਕਾ ਕਾ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
मात पिता भाई सुत बनिता कहहु कोऊ है का का ॥१॥ रहाउ ॥
बताओ, माता-पिता, भाई, पुत्र एवं स्त्री इन में से कौन किस का है ?॥१॥ रहाउ॥
Amongst the mother, father, siblings, children and spouse, none of them can help the one at the time of death. ||1||Pause||
ਜਬ ਲਗੁ ਜੋਤਿ ਕਾਇਆ ਮਹਿ ਬਰਤੈ ਆਪਾ ਪਸੂ ਨ ਬੂਝੈ ॥
जब लगु जोति काइआ महि बरतै आपा पसू न बूझै ॥
जब तक जीवन की ज्योति अर्थात् आत्मा शरीर में रहती है, तब तक यह पशु जैसा मूर्ख मनुष्य अपने आत्म-स्वरूप को नहीं समझता।
As long as there is a soul in this body, the beast like human being doesn’t understand its true self.
ਲਾਲਚ ਕਰੈ ਜੀਵਨ ਪਦ ਕਾਰਨ ਲੋਚਨ ਕਛੂ ਨ ਸੂਝੈ ॥੨॥
लालच करै जीवन पद कारन लोचन कछू न सूझै ॥२॥
वह और अधिक जीवन जीने की लालच करता है परन्तु उसे अपनी आंखों से कुछ भी नहीं सूझता ॥२॥
He craves for a longer and longer lifetime; he sees people dying with his own eyes but doesn’t understand that he cannot escape death. ||2||
ਕਹਤ ਕਬੀਰ ਸੁਨਹੁ ਰੇ ਪ੍ਰਾਨੀ ਛੋਡਹੁ ਮਨ ਕੇ ਭਰਮਾ ॥
कहत कबीर सुनहु रे प्रानी छोडहु मन के भरमा ॥
कबीर जी कहते हैं कि हे प्राणी ! सुनो, अपने मन के सारे भ्रम छोड़ दो।
Kabeer says, listen, O mortal, renounce the doubts of your mind.
ਕੇਵਲ ਨਾਮੁ ਜਪਹੁ ਰੇ ਪ੍ਰਾਨੀ ਪਰਹੁ ਏਕ ਕੀ ਸਰਨਾਂ ॥੩॥੨॥
केवल नामु जपहु रे प्रानी परहु एक की सरनां ॥३॥२॥
हे प्राणी ! एक परमेश्वर की शरण में जाओ और केवल उसके नाम का ही भजन करो ॥३॥२॥
Seek the refuge of the one God and meditate on His Name alone. ||3||2||
ਜੋ ਜਨੁ ਭਾਉ ਭਗਤਿ ਕਛੁ ਜਾਨੈ ਤਾ ਕਉ ਅਚਰਜੁ ਕਾਹੋ ॥
जो जनु भाउ भगति कछु जानै ता कउ अचरजु काहो ॥
जो व्यक्ति भगवान के प्रेम एवं उसकी भक्ति के बारे में कुछ जानता है, उसके लिए कोई भी आश्चर्यजनक बात नहीं है।
That devotee, who knows even a little about loving adoration of God, for him union with God is nothing extraordinary
ਜਿਉ ਜਲੁ ਜਲ ਮਹਿ ਪੈਸਿ ਨ ਨਿਕਸੈ ਤਿਉ ਢੁਰਿ ਮਿਲਿਓ ਜੁਲਾਹੋ ॥੧॥
जिउ जलु जल महि पैसि न निकसै तिउ ढुरि मिलिओ जुलाहो ॥१॥
जैसे जल में मिलकर जल दुबारा अलग नहीं होता, वैसे ही कबीर जुलाहा भी अपने आत्माभिमान को समाप्त करके भगवान में लीन हो गया है॥१॥
Just as water of a small creek when merged in the ocean cannot be separated, similarly Kabir, the weaver, after eradicating ego has merged in God. ||1||
ਹਰਿ ਕੇ ਲੋਗਾ ਮੈ ਤਉ ਮਤਿ ਕਾ ਭੋਰਾ ॥
हरि के लोगा मै तउ मति का भोरा ॥
हे भगवान के लोगो ! मैं तो बुद्धि का भोला हूँ।
O’ the devotees of God, I am just a simple-minded person.
ਜਉ ਤਨੁ ਕਾਸੀ ਤਜਹਿ ਕਬੀਰਾ ਰਮਈਐ ਕਹਾ ਨਿਹੋਰਾ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
जउ तनु कासी तजहि कबीरा रमईऐ कहा निहोरा ॥१॥ रहाउ ॥
यदि कबीर अपना शरीर काशी (बनारस) में त्याग दे और मोक्ष प्राप्त कर ले तो इसमें मेरे राम का मुझ पर कौन-सा उपकार होगा ॥ १॥ रहाउ ॥
If Kabeer can liberate himself from the cycle of birth and death by dying in Kashi then what is God’s role in this? ||1||Pause||
ਕਹਤੁ ਕਬੀਰੁ ਸੁਨਹੁ ਰੇ ਲੋਈ ਭਰਮਿ ਨ ਭੂਲਹੁ ਕੋਈ ॥
कहतु कबीरु सुनहु रे लोई भरमि न भूलहु कोई ॥
कबीर जी का कथन है कि हे लोगो ! ध्यानपूर्वक सुनो, कोई भ्रम में पड़कर भत भूलो;
Kabir says, listen, O people – do not be deluded by doubt.
ਕਿਆ ਕਾਸੀ ਕਿਆ ਊਖਰੁ ਮਗਹਰੁ ਰਾਮੁ ਰਿਦੈ ਜਉ ਹੋਈ ॥੨॥੩॥
किआ कासी किआ ऊखरु मगहरु रामु रिदै जउ होई ॥२॥३॥
जिसके हृदय में राम स्थित है, उसके लिए क्या काशी और वीरान मगहर है, अर्थात् शरीर का त्याग करने के लिए दोनों एक समान हैं।॥२॥३॥
If God is enshrined in the heart, then there is no difference whether one dies in Kashi or the cursed land of Maghar. ||2||3||
ਇੰਦ੍ਰ ਲੋਕ ਸਿਵ ਲੋਕਹਿ ਜੈਬੋ ॥ ਓਛੇ ਤਪ ਕਰਿ ਬਾਹੁਰਿ ਐਬੋ ॥੧॥
इंद्र लोक सिव लोकहि जैबो ॥ ओछे तप करि बाहुरि ऐबो ॥१॥
यदि कोई मनुष्य तपस्या करके इन्द्रलोक एवं शिवलोक में चला जाता है तो ओछी तपस्या अथवा दुष्कर्मो के कारण वह पुनः वापिस आ जाता है॥१॥
Even if by doing hypocritical acts of penance and austerities, one is able to reach the realm of god Indra or god Shiva, still after sometime, he would come back.
ਕਿਆ ਮਾਂਗਉ ਕਿਛੁ ਥਿਰੁ ਨਾਹੀ ॥
किआ मांगउ किछु थिरु नाही ॥
मैं भगवान से क्या मांगू? क्योंकि इस सृष्टि में कोई भी वस्तु स्थिर नहीं अर्थात् सब कुछ नश्वर होने वाला है।
What else may I ask from God? Nothing except Naam is everlasting.
ਰਾਮ ਨਾਮ ਰਖੁ ਮਨ ਮਾਹੀ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
राम नाम रखु मन माही ॥१॥ रहाउ ॥
अतः राम के नाम को ही अपने मन में बसा कर रखो ॥१॥ रहाउ ॥
Therefore, enshrine God’s Name within your mind. ||1||Pause||
ਸੋਭਾ ਰਾਜ ਬਿਭੈ ਬਡਿਆਈ ॥
सोभा राज बिभै बडिआई ॥
दुनिया में शोभा, धरती का राज्य शासन, ऐश्वर्य-वैभव एवं बड़ाई
The worldly fame, power, sinful pleasure, and false greatness,
ਅੰਤਿ ਨ ਕਾਹੂ ਸੰਗ ਸਹਾਈ ॥੨॥
अंति न काहू संग सहाई ॥२॥
अंत में किसी के भी साथी एवं सहायक नहीं बनते॥२॥
None of these prove helpful in the end. ||2||
ਪੁਤ੍ਰ ਕਲਤ੍ਰ ਲਛਮੀ ਮਾਇਆ ॥
पुत्र कलत्र लछमी माइआ ॥
पुत्र, पत्नी, धन-दौलत एवं सम्पति-इनसे बताओ,
Children, spouse, wealth and love for worldly riches,
ਇਨ ਤੇ ਕਹੁ ਕਵਨੈ ਸੁਖੁ ਪਾਇਆ ॥੩॥
इन ते कहु कवनै सुखु पाइआ ॥३॥
कब किसी ने सुख प्राप्त किया है?॥३॥
Tell me who has ever obtained peace from these? ||3||
ਕਹਤ ਕਬੀਰ ਅਵਰ ਨਹੀ ਕਾਮਾ ॥
कहत कबीर अवर नही कामा ॥
कबीर जी का कथन है कि मेरी अन्य कोई अभिलाषा नहीं है,
Kabir says, nothing else is of any use;
ਹਮਰੈ ਮਨ ਧਨ ਰਾਮ ਕੋ ਨਾਮਾ ॥੪॥੪॥
हमरै मन धन राम को नामा ॥४॥४॥
क्योंकि मेरे मन का धन तो राम का नाम है॥४॥४॥
For me God’s Name is the everlasting wealth. ||4||4||
ਰਾਮ ਸਿਮਰਿ ਰਾਮ ਸਿਮਰਿ ਰਾਮ ਸਿਮਰਿ ਭਾਈ ॥
राम सिमरि राम सिमरि राम सिमरि भाई ॥
हे भाई ! प्रेम से राम का सिमरन करते रहो, हमेशा राम का ही सिमरन करो।
O’ my brother, always remember God again and again.
ਰਾਮ ਨਾਮ ਸਿਮਰਨ ਬਿਨੁ ਬੂਡਤੇ ਅਧਿਕਾਈ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
राम नाम सिमरन बिनु बूडते अधिकाई ॥१॥ रहाउ ॥
क्योंकि राम नाम के सिमरन के बिना बहुत सारे लोग भवसागर में ही डूब जाते हैं॥१॥ रहाउ॥
Because without meditation on God’s Name, many people drown in the worldly ocean of vices. ||1||Pause||
ਬਨਿਤਾ ਸੁਤ ਦੇਹ ਗ੍ਰੇਹ ਸੰਪਤਿ ਸੁਖਦਾਈ ॥
बनिता सुत देह ग्रेह स्मपति सुखदाई ॥
स्त्री, पुत्र, सुन्दर शरीर, घर एवं सम्पति-ये सभी सुख देने वाले प्रतीत होते हैं परन्तु
Wife, children, body, house and possessions, though appear peace giving,
ਇਨੑ ਮੈ ਕਛੁ ਨਾਹਿ ਤੇਰੋ ਕਾਲ ਅਵਧ ਆਈ ॥੧॥
इन्ह मै कछु नाहि तेरो काल अवध आई ॥१॥
जब तेरी मृत्यु का समय आएगा, तब इन में से कुछ भी तेरा नहीं रहेगा।॥१॥
but none of these shall be yours, when the time of death comes. ||1||
ਅਜਾਮਲ ਗਜ ਗਨਿਕਾ ਪਤਿਤ ਕਰਮ ਕੀਨੇ ॥
अजामल गज गनिका पतित करम कीने ॥
अजामल ब्राह्मण, गजिन्द्र हाथी एवं एक वेश्या ने जीवन भर पतित कर्म ही किए थे,
A brahmin Ajaamal, Gaj an elephant, and Ganika a prostitute committed many sins,
ਤੇਊ ਉਤਰਿ ਪਾਰਿ ਪਰੇ ਰਾਮ ਨਾਮ ਲੀਨੇ ॥੨॥
तेऊ उतरि पारि परे राम नाम लीने ॥२॥
परन्तु राम नाम का सिमरन करने से वे भी भवसागर से पार हो गए॥ २॥
but were saved from their sins when they meditated on God’s Name. ||2||
ਸੂਕਰ ਕੂਕਰ ਜੋਨਿ ਭ੍ਰਮੇ ਤਊ ਲਾਜ ਨ ਆਈ ॥
सूकर कूकर जोनि भ्रमे तऊ लाज न आई ॥
हे प्राणी ! पूर्व जन्मों में तू सूअर एवं कुते की योनियों में भटकता रहा, परन्तु फिर भी तुझे शर्म नहीं आई।
O’ my friend, did you feel no shame, wandering around in species such as pigs and dogs?
ਰਾਮ ਨਾਮ ਛਾਡਿ ਅੰਮ੍ਰਿਤ ਕਾਹੇ ਬਿਖੁ ਖਾਈ ॥੩॥
राम नाम छाडि अम्रित काहे बिखु खाई ॥३॥
राम नाम रूपी अमृत को छोड़कर तू क्यों विषय-विकार रूपी विष खाता है॥ ३॥
Forsaking the ambrosial nectar of God’s Name, why are you indulging in vices, a poison for your spiritual life? ||3||
ਤਜਿ ਭਰਮ ਕਰਮ ਬਿਧਿ ਨਿਖੇਧ ਰਾਮ ਨਾਮੁ ਲੇਹੀ ॥
तजि भरम करम बिधि निखेध राम नामु लेही ॥
तू शास्त्रों की विधि अनुसार करने योग्य कर्म एवं निषेध कर्मो के भ्रम को छोड़कर राम नाम का ही सिमरन करता रह।
Abandon your doubts about the good and bad deeds and meditate on God’s Name with loving devotion.
ਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ਜਨ ਕਬੀਰ ਰਾਮੁ ਕਰਿ ਸਨੇਹੀ ॥੪॥੫॥
गुर प्रसादि जन कबीर रामु करि सनेही ॥४॥५॥
कबीर जी का कथन है कि गुरु की कृपा से राम को अपना मित्र बना॥४॥५॥
O’ devotee Kabir, through the Guru’s grace, make God as your friend. ||4||5||
ਧਨਾਸਰੀ ਬਾਣੀ ਭਗਤ ਨਾਮਦੇਵ ਜੀ ਕੀ
धनासरी बाणी भगत नामदेव जी की
धनासरी बाणी भगत नामदेव जी की
Raag Dhanaasaree, The hymns Of Devotee Naam Dev Ji:
ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
ईश्वर एक है, जिसे सतगुरु की कृपा से पाया जा सकता है।
One eternal God, realized by the grace of the true Guru:
ਗਹਰੀ ਕਰਿ ਕੈ ਨੀਵ ਖੁਦਾਈ ਊਪਰਿ ਮੰਡਪ ਛਾਏ ॥
गहरी करि कै नीव खुदाई ऊपरि मंडप छाए ॥
लोगों ने गहरी नीव खोदकर उस पर बड़े ऊँचे-ऊँचे महल बनवाए हैं।
Those who got lofty palaces built on deep foundations,
ਮਾਰਕੰਡੇ ਤੇ ਕੋ ਅਧਿਕਾਈ ਜਿਨਿ ਤ੍ਰਿਣ ਧਰਿ ਮੂੰਡ ਬਲਾਏ ॥੧॥
मारकंडे ते को अधिकाई जिनि त्रिण धरि मूंड बलाए ॥१॥
किन्तु मार्कण्डेय ऋषि से भी अधिक लम्बी आयु वाला कौन हुआ है ? जिसने तिनकों की कुटिया बनाकर ही अपना जीवन व्यतीत किया था॥ १॥
did not live longer than Sage Markanda, who passed all his life under a roof of straw. ||1||
ਹਮਰੋ ਕਰਤਾ ਰਾਮੁ ਸਨੇਹੀ ॥
हमरो करता रामु सनेही ॥
मेरा रचयिता राम ही मेरा शुभचिन्तक है।
The Creator-God is our only true friend.
ਕਾਹੇ ਰੇ ਨਰ ਗਰਬੁ ਕਰਤ ਹਹੁ ਬਿਨਸਿ ਜਾਇ ਝੂਠੀ ਦੇਹੀ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
काहे रे नर गरबु करत हहु बिनसि जाइ झूठी देही ॥१॥ रहाउ ॥
हे प्राणी ! तू क्यों अभिमान करता है? तेरा यह नश्वर शरीर एक दिन अवश्य नष्ट हो जाएगा ॥१॥ रहाउ ॥
O’ mortals, why do you feel so proud of your body; this perishable body would perish. ||1||Pause||