ਹਰਿ ਹਰਿ ਨਿਕਟਿ ਵਸੈ ਸਭ ਜਗ ਕੈ ਅਪਰੰਪਰ ਪੁਰਖੁ ਅਤੋਲੀ ॥
हरि हरि निकटि वसै सभ जग कै अपर्मपर पुरखु अतोली ॥
अनन्त, सर्वशक्तिमान एवं अतुलनीय प्रभु-परमेश्वर सारे जगत् के निकट ही रहता है।
God who is all pervading, limitless and whose virtues can not be estimated, dwells close to the entire world.
ਹਰਿ ਹਰਿ ਪ੍ਰਗਟੁ ਕੀਓ ਗੁਰਿ ਪੂਰੈ ਸਿਰੁ ਵੇਚਿਓ ਗੁਰ ਪਹਿ ਮੋਲੀ ॥੩॥
हरि हरि प्रगटु कीओ गुरि पूरै सिरु वेचिओ गुर पहि मोली ॥३॥
उस ईश्वर को पूर्ण गुरु ने मेरे हृदय में ही प्रकट किया है, (इसलिए) मैंने अपना सिर गुरु के पास बेच दिया है॥ ३॥ The perfect Guru has revealed God to me, so I have completely surrendered myself to the Guru, as if I have sold my head to the Guru for a price.
ਹਰਿ ਜੀ ਅੰਤਰਿ ਬਾਹਰਿ ਤੁਮ ਸਰਣਾਗਤਿ ਤੁਮ ਵਡ ਪੁਰਖ ਵਡੋਲੀ ॥
हरि जी अंतरि बाहरि तुम सरणागति तुम वड पुरख वडोली ॥
हे पूज्य परमेश्वर ! तू जीवों के अन्दर एवं बाहर सर्वत्र विद्यमान है और अन्दर एवं बाहर मैं तेरी शरण में हूँ, (मेरे लिए) तुम दुनिया के सबसे बड़े महापुरुष हो।
O’ God, You are permeating in all beings both inside and out, I have come to Your refuge, You are the highest of the high.
ਜਨੁ ਨਾਨਕੁ ਅਨਦਿਨੁ ਹਰਿ ਗੁਣ ਗਾਵੈ ਮਿਲਿ ਸਤਿਗੁਰ ਗੁਰ ਵੇਚੋਲੀ ॥੪॥੧॥੧੫॥੫੩॥
जनु नानकु अनदिनु हरि गुण गावै मिलि सतिगुर गुर वेचोली ॥४॥१॥१५॥५३॥
जन नानक मध्यस्थ-सतिगुरु से मिलकर रात-दिन प्रभु की महिमा-स्तुति करता रहता है ॥ ४॥ १॥ १५॥ ५३॥
Meeting the True Guru, the Divine mediator, Nanak always sings the Praises of God. ||4||1||15||53||
ਗਉੜੀ ਪੂਰਬੀ ਮਹਲਾ ੪ ॥
गउड़ी पूरबी महला ४ ॥
गउड़ी पूरबी महला ४ ॥
Raag Gauree Poorbee, Fourth Guru:
ਜਗਜੀਵਨ ਅਪਰੰਪਰ ਸੁਆਮੀ ਜਗਦੀਸੁਰ ਪੁਰਖ ਬਿਧਾਤੇ ॥
जगजीवन अपर्मपर सुआमी जगदीसुर पुरख बिधाते ॥
हे प्रभु ! तू जगत् का जीवन, अपरम्पार एवं हम सबका स्वामी है। हे जगदीश्वर ! तुम सर्वशक्तिमान एवं भाग्यविधाता हो।
O’ God, the life of the world, O’ infinite God and Master, O’ Master of the Universe, all pervading Creator,
ਜਿਤੁ ਮਾਰਗਿ ਤੁਮ ਪ੍ਰੇਰਹੁ ਸੁਆਮੀ ਤਿਤੁ ਮਾਰਗਿ ਹਮ ਜਾਤੇ ॥੧॥
जितु मारगि तुम प्रेरहु सुआमी तितु मारगि हम जाते ॥१॥
हे मेरे स्वामी ! हम प्राणियों को तुम जिस मार्ग की भी प्रेरणा करते हो, उसी मार्ग में हम चलते हैं।॥१॥
whichever way You direct us, that is the way we follow.
ਰਾਮ ਮੇਰਾ ਮਨੁ ਹਰਿ ਸੇਤੀ ਰਾਤੇ ॥
राम मेरा मनु हरि सेती राते ॥
हे मेरे राम ! मेरा मन प्रभु के प्रेम में मग्न हो गया है। O’ God, my mind is imbued with Your love.
ਸਤਸੰਗਤਿ ਮਿਲਿ ਰਾਮ ਰਸੁ ਪਾਇਆ ਹਰਿ ਰਾਮੈ ਨਾਮਿ ਸਮਾਤੇ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
सतसंगति मिलि राम रसु पाइआ हरि रामै नामि समाते ॥१॥ रहाउ ॥
सत्संग में मिलकर मैंने राम रस प्राप्त किया है और अब मेरा मन हरि-राम के नाम में लीन रहता है।॥ १॥ रहाउ ॥
Joining the holy Congregation, I have obtained the sublime essence of God’s love, and I am absorbed in His Name.
ਹਰਿ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਹਰਿ ਹਰਿ ਜਗਿ ਅਵਖਧੁ ਹਰਿ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਹਰਿ ਸਾਤੇ ॥
हरि हरि नामु हरि हरि जगि अवखधु हरि हरि नामु हरि साते ॥
हरि-परमेश्वर का नाम जगत् में समस्त रोगों की औषधि है। हरि-परमेश्वर का नाम सदैव सत्य है।
God’s Name is the cure for all the sorrows, and provider of peace in the world.
ਤਿਨ ਕੇ ਪਾਪ ਦੋਖ ਸਭਿ ਬਿਨਸੇ ਜੋ ਗੁਰਮਤਿ ਰਾਮ ਰਸੁ ਖਾਤੇ ॥੨॥
तिन के पाप दोख सभि बिनसे जो गुरमति राम रसु खाते ॥२॥
जो व्यक्ति गुरु के उपदेश से राम रस को चखते हैं, उनके तमाम पाप एवं दोष नाश हो जाते हैं।॥ २॥
Following Guru’s teachings, those who partake the elixir of God’s Name, all their sins and sufferings are eliminated.
ਜਿਨ ਕਉ ਲਿਖਤੁ ਲਿਖੇ ਧੁਰਿ ਮਸਤਕਿ ਤੇ ਗੁਰ ਸੰਤੋਖ ਸਰਿ ਨਾਤੇ ॥
जिन कउ लिखतु लिखे धुरि मसतकि ते गुर संतोख सरि नाते ॥
जिनके मस्तक पर विधाता ने प्रारम्भ से ही ऐसा भाग्य लिख दिया है, वह गुरु रूपी संतोष सरोवर में स्नान करते हैं।
Those who have such pre-ordained destiny, faithfully follow the Guru’s guidance and live a contented life, as if they bathe in the Guru’s pool of contentment.
ਦੁਰਮਤਿ ਮੈਲੁ ਗਈ ਸਭ ਤਿਨ ਕੀ ਜੋ ਰਾਮ ਨਾਮ ਰੰਗਿ ਰਾਤੇ ॥੩॥
दुरमति मैलु गई सभ तिन की जो राम नाम रंगि राते ॥३॥
जो राम-नाम के प्रेम में मग्न रहते हैं, उनकी मंदबुद्धि में से पापों की तमाम मैल दूर हो जाती है॥ ३॥
The filth of evil-mindedness is totally washed away, from those who are imbued with the Love of God’s Name.
ਰਾਮ ਤੁਮ ਆਪੇ ਆਪਿ ਆਪਿ ਪ੍ਰਭੁ ਠਾਕੁਰ ਤੁਮ ਜੇਵਡ ਅਵਰੁ ਨ ਦਾਤੇ ॥
राम तुम आपे आपि आपि प्रभु ठाकुर तुम जेवड अवरु न दाते ॥
हे मेरे राम ! तुम स्वयं ही सबकुछ हो। तुम स्वयं ही समस्त जीवों के ठाकुर हो और तेरे जैसा महान दाता दूसरा कोई नहीं।
O’ God, You Yourself are Your Own Master. O’ God there is no greater benefactor than You.
ਜਨੁ ਨਾਨਕੁ ਨਾਮੁ ਲਏ ਤਾਂ ਜੀਵੈ ਹਰਿ ਜਪੀਐ ਹਰਿ ਕਿਰਪਾ ਤੇ ॥੪॥੨॥੧੬॥੫੪॥
जनु नानकु नामु लए तां जीवै हरि जपीऐ हरि किरपा ते ॥४॥२॥१६॥५४॥
नानक केवल ईश्वर का नाम लेने से ही जीता है। प्रभु की दया से ही प्रभु का जाप होता है॥ ४॥ २॥ १६॥ ५४॥
Nanak remains spiritually alive only if he meditates on Naam, the meditation on God’s Name can be done by His Grace alone.
ਗਉੜੀ ਪੂਰਬੀ ਮਹਲਾ ੪ ॥
गउड़ी पूरबी महला ४ ॥
गउड़ी पूरबी महला ४ ॥
Raag Gauree Poorbee, Fourth Guru:
ਕਰਹੁ ਕ੍ਰਿਪਾ ਜਗਜੀਵਨ ਦਾਤੇ ਮੇਰਾ ਮਨੁ ਹਰਿ ਸੇਤੀ ਰਾਚੇ ॥
करहु क्रिपा जगजीवन दाते मेरा मनु हरि सेती राचे ॥
हे जगजीवन ! हे दाता ! मुझ पर अपनी ऐसी कृपा करो कि मेरा मन प्रभु की स्मृति में लीन रहे।
O’ Life of the World, O Great Giver, please bestow mercy on me, so that my mind may remain attuned to You.
ਸਤਿਗੁਰਿ ਬਚਨੁ ਦੀਓ ਅਤਿ ਨਿਰਮਲੁ ਜਪਿ ਹਰਿ ਹਰਿ ਹਰਿ ਮਨੁ ਮਾਚੇ ॥੧॥
सतिगुरि बचनु दीओ अति निरमलु जपि हरि हरि हरि मनु माचे ॥१॥
सतिगुरु ने मुझे अत्यन्त निर्मल वचन किया है और हरि-परमेश्वर के नाम का जाप करने से मेरा मन प्रसन्न हो गया है॥ १॥
The True Guru has bestowed the most immaculate teachings, that by meditating on God’s name, my mind goes into ecstasy.
ਰਾਮ ਮੇਰਾ ਮਨੁ ਤਨੁ ਬੇਧਿ ਲੀਓ ਹਰਿ ਸਾਚੇ ॥
राम मेरा मनु तनु बेधि लीओ हरि साचे ॥
हे मेरे राम ! मेरा मन एवं तन सच्चे परमेश्वर ने बाँध लिया है।
O’ God, bestowing mercy, You have united me with Naam as if my body and mind has been pierced with Your love.
ਜਿਹ ਕਾਲ ਕੈ ਮੁਖਿ ਜਗਤੁ ਸਭੁ ਗ੍ਰਸਿਆ ਗੁਰ ਸਤਿਗੁਰ ਕੈ ਬਚਨਿ ਹਰਿ ਹਮ ਬਾਚੇ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥ जिह काल कै मुखि जगतु सभु ग्रसिआ गुर सतिगुर कै बचनि हरि हम बाचे ॥१॥ रहाउ ॥
हे हरि-परमेश्वर ! गुरु-सतिगुरु के उपदेश से मैं उस काल (मृत्यु) से बच गया हूँ, जिसके मुख (पंजे) में सारा जगत् फँसा हुआ है॥ १॥ रहाउ॥ The entire world is in the grip of the fear of death, I have been saved from it by following the true Guru’s teachings.||1||Pause||
ਜਿਨ ਕਉ ਪ੍ਰੀਤਿ ਨਾਹੀ ਹਰਿ ਸੇਤੀ ਤੇ ਸਾਕਤ ਮੂੜ ਨਰ ਕਾਚੇ ॥ जिन कउ प्रीति नाही हरि सेती ते साकत मूड़ नर काचे ॥
जिनकी प्रीति परमेश्वर से नहीं, वह अधर्मी, मूर्ख एवं झूठे पुरुष हैं। Those foolish, faithless cynics who do not have any love for God are spiritually immature.
ਤਿਨ ਕਉ ਜਨਮੁ ਮਰਣੁ ਅਤਿ ਭਾਰੀ ਵਿਚਿ ਵਿਸਟਾ ਮਰਿ ਮਰਿ ਪਾਚੇ ॥੨॥
तिन कउ जनमु मरणु अति भारी विचि विसटा मरि मरि पाचे ॥२॥
वह जन्म एवं मृत्यु का अत्यंत भारी दुख उठाते हैं और बार-बार जन्मते-मरते और विष्टा में सड़ते रहते हैं।॥ २॥
They suffer the extreme agony in the cycles of birth and death. They spiritually die over and over again, and rot away in the filth of vices.
ਤੁਮ ਦਇਆਲ ਸਰਣਿ ਪ੍ਰਤਿਪਾਲਕ ਮੋ ਕਉ ਦੀਜੈ ਦਾਨੁ ਹਰਿ ਹਮ ਜਾਚੇ ॥
तुम दइआल सरणि प्रतिपालक मो कउ दीजै दानु हरि हम जाचे ॥
हे प्रभु! तुम दया के घर एवं शरणार्थियों के पालनहार हो। हे ठाकुर ! मैं याचना करता हूँ कि मुझे अपने प्रेम का दान प्रदान करो।
O’ God, You are the merciful protector of those who seek Your refuge. I beg You, to please bless me with the gift of Your Name.
ਹਰਿ ਕੇ ਦਾਸ ਦਾਸ ਹਮ ਕੀਜੈ ਮਨੁ ਨਿਰਤਿ ਕਰੇ ਕਰਿ ਨਾਚੇ ॥੩॥
हरि के दास दास हम कीजै मनु निरति करे करि नाचे ॥३॥
मुझे प्रभु के सेवकों का सेवक बना दे, चूंकि मेरा मन प्रेम धारण करके नृत्य करे॥ ३॥
Make me Your most humble servant so that my mind may dance in happiness of Your Love.
ਆਪੇ ਸਾਹ ਵਡੇ ਪ੍ਰਭ ਸੁਆਮੀ ਹਮ ਵਣਜਾਰੇ ਹਹਿ ਤਾ ਚੇ ॥
आपे साह वडे प्रभ सुआमी हम वणजारे हहि ता चे ॥
हे मेरे स्वामी प्रभु ! तू स्वयं ही बड़ा साहूकार है और मैं तेरा व्यापारी हूँ।
God Himself is the Great Banker and Master. I am His petty trader of Naam
ਮੇਰਾ ਮਨੁ ਤਨੁ ਜੀਉ ਰਾਸਿ ਸਭ ਤੇਰੀ ਜਨ ਨਾਨਕ ਕੇ ਸਾਹ ਪ੍ਰਭ ਸਾਚੇ ॥੪॥੩॥੧੭॥੫੫॥ मेरा मनु तनु जीउ रासि सभ तेरी जन नानक के साह प्रभ साचे ॥४॥३॥१७॥५५॥
मेरा मन, तन एवं जीवन सब कुछ तेरी ही पूंजी है। हे सच्चे प्रभु ! तुम नानक के साहूकार हो॥ ४॥ ३॥ १७॥ ५५॥ O’ the eternal God of Nanak. My mind, body and soul are all the wealth blessed by You.||4||3||17||55||
ਗਉੜੀ ਪੂਰਬੀ ਮਹਲਾ ੪ ॥
गउड़ी पूरबी महला ४ ॥
गउड़ी पूरबी महला ४ ॥
Raag Gauree Poorbee, Fourth Guru:
ਤੁਮ ਦਇਆਲ ਸਰਬ ਦੁਖ ਭੰਜਨ ਇਕ ਬਿਨਉ ਸੁਨਹੁ ਦੇ ਕਾਨੇ ॥
तुम दइआल सरब दुख भंजन इक बिनउ सुनहु दे काने ॥
हे प्रभु ! तुम बड़े दयालु एवं सर्व दुःखों का नाश करने वाले हो। अतः मेरी एक प्रार्थना ध्यानपूर्वक सुनो ।
O’ God, You are the merciful destroyer of all pain, Please listen to my one prayer attentively.
ਜਿਸ ਤੇ ਤੁਮ ਹਰਿ ਜਾਨੇ ਸੁਆਮੀ ਸੋ ਸਤਿਗੁਰੁ ਮੇਲਿ ਮੇਰਾ ਪ੍ਰਾਨੇ ॥੧॥ जिस ते तुम हरि जाने सुआमी सो सतिगुरु मेलि मेरा प्राने ॥१॥
हे मेरे स्वामी हरि ! मुझ उस सतगुरु से मिला दो जिसकी कृपा से तुझे जाना जाता है और जो मेरे प्राण हैं।॥ १॥
Please unite me with the True Guru, my very life; through whose mercy, You are realized. ||1||
ਰਾਮ ਹਮ ਸਤਿਗੁਰ ਪਾਰਬ੍ਰਹਮ ਕਰਿ ਮਾਨੇ
राम हम सतिगुर पारब्रहम करि माने ॥
हे मेरे राम ! मैं सतिगुरु को पारब्रह्म कह कर मानता हूँ।
O’ God, I acknowledge the True Guru as the embodiment of Supreme God.
ਹਮ ਮੂੜ ਮੁਗਧ ਅਸੁਧ ਮਤਿ ਹੋਤੇ ਗੁਰ ਸਤਿਗੁਰ ਕੈ ਬਚਨਿ ਹਰਿ ਹਮ ਜਾਨੇ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥
हम मूड़ मुगध असुध मति होते गुर सतिगुर कै बचनि हरि हम जाने ॥१॥ रहाउ ॥
मैं मूर्ख, मक्कार और खोटी बुद्धि वाला हूँ। हे ईश्वर ! मैंने तुझे सतिगुरु की वाणी से जान लिया है॥ १॥ रहाउ ॥
I was a foolish and ignorant person with a polluted intellect, but through the Guru’s teachings, I have realized God. ||1||Pause||
ਜਿਤਨੇ ਰਸ ਅਨ ਰਸ ਹਮ ਦੇਖੇ ਸਭ ਤਿਤਨੇ ਫੀਕ ਫੀਕਾਨੇ ॥
जितने रस अन रस हम देखे सभ तितने फीक फीकाने ॥
संसार के जितने भी विभिन्न रस हैं, मैंने देख लिए हैं परन्तु ये सभी बिल्कुल फीके हैं।
All the worldly pleasures and enjoyments which I have seen – I have found them all to be bland and insipid.