Hindi Page 775
ਹਰਿ ਮੰਗਲ ਰਸਿ ਰਸਨ ਰਸਾਏ ਨਾਨਕ ਨਾਮੁ ਪ੍ਰਗਾਸਾ ॥੨॥ हरि मंगल रसि रसन रसाए नानक नामु प्रगासा ॥२॥ मैंने हरि के मंगल गुण ही गाए हैं, जिव्हा से उसके गुणों का रस प्राप्त किया है। हे नानक ! अब मन में नाम का प्रकाश हो गया है॥ २॥ O’ Nanak, he delightfully enjoys relish God’s