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ਸਾਂਤਿ ਸਹਜ ਸੂਖ ਮਨਿ ਉਪਜਿਓ ਕੋਟਿ ਸੂਰ ਨਾਨਕ ਪਰਗਾਸ ॥੨॥੫॥੨੪॥सांति सहज सूख मनि उपजिओ कोटि सूर नानक परगास ॥२॥५॥२४॥हे नानक ! मेरे मन में करोड़ों सूर्य जितना प्रभु ज्योति का प्रकाश हो गया है और मन में सहज सुख एवं शांति उत्पन्न हो गई है॥ २॥ ५ ॥ २४॥ ਟੋਡੀ ਮਹਲਾ ੫ ॥टोडी महला ५

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ਸੂਹੀ ਮਹਲਾ ੧ ॥सूही महला १ ॥सूही महला १ ॥ ਭਾਂਡਾ ਹਛਾ ਸੋਇ ਜੋ ਤਿਸੁ ਭਾਵਸੀ ॥भांडा हछा सोइ जो तिसु भावसी ॥हृदय रूपी बर्तन वही अच्छा है, जो प्रभु को अच्छा लगता है। ਭਾਂਡਾ ਅਤਿ ਮਲੀਣੁ ਧੋਤਾ ਹਛਾ ਨ ਹੋਇਸੀ ॥भांडा अति मलीणु धोता हछा न होइसी ॥जो हृदय रूपी बर्तन बहुत ही मैला

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ਟੋਡੀ ਮਹਲਾ ੫ ਘਰੁ ੫ ਦੁਪਦੇटोडी महला ५ घरु ५ दुपदेटोडी महला ५ घरु ५ दुपदे ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ ਐਸੋ ਗੁਨੁ ਮੇਰੋ ਪ੍ਰਭ ਜੀ ਕੀਨ ॥ऐसो गुनु मेरो प्रभ जी कीन ॥मेरे प्रभु ने मुझ पर ऐसा उपकार किया है कि ਪੰਚ ਦੋਖ ਅਰੁ ਅਹੰ ਰੋਗ ਇਹ ਤਨ

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ਚਰਨ ਕਮਲ ਸੰਗਿ ਪ੍ਰੀਤਿ ਮਨਿ ਲਾਗੀ ਸੁਰਿ ਜਨ ਮਿਲੇ ਪਿਆਰੇ ॥चरन कमल संगि प्रीति मनि लागी सुरि जन मिले पिआरे ॥जब मन की प्रीति ईश्वर के सुन्दर चरण-कमलों के संग लग गई तो प्यारे महापुरुषों की संगति मिल गई। ਨਾਨਕ ਅਨਦ ਕਰੇ ਹਰਿ ਜਪਿ ਜਪਿ ਸਗਲੇ ਰੋਗ ਨਿਵਾਰੇ ॥੨॥੧੦॥੧੫॥नानक अनद करे हरि जपि जपि सगले

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ਜੋ ਮਾਗਹਿ ਸੋਈ ਸੋਈ ਪਾਵਹਿ ਸੇਵਿ ਹਰਿ ਕੇ ਚਰਣ ਰਸਾਇਣ ॥जो मागहि सोई सोई पावहि सेवि हरि के चरण रसाइण ॥प्रसन्नता के घर, परमेश्वर के चरणों की आराधना करने से भक्त जो भी कामना करते हैं, उन्हें वही प्राप्त होता है। ਜਨਮ ਮਰਣ ਦੁਹਹੂ ਤੇ ਛੂਟਹਿ ਭਵਜਲੁ ਜਗਤੁ ਤਰਾਇਣ ॥੧॥जनम मरण दुहहू ते छूटहि भवजलु

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ਆਗਿਆ ਤੁਮਰੀ ਮੀਠੀ ਲਾਗਉ ਕੀਓ ਤੁਹਾਰੋ ਭਾਵਉ ॥आगिआ तुमरी मीठी लागउ कीओ तुहारो भावउ ॥तुम्हारी आज्ञा मुझे बड़ी मीठी लगती है एवं तुम जो भी करते हो, वह सब मुझे अच्छा लगता है। ਜੋ ਤੂ ਦੇਹਿ ਤਹੀ ਇਹੁ ਤ੍ਰਿਪਤੈ ਆਨ ਨ ਕਤਹੂ ਧਾਵਉ ॥੨॥जो तू देहि तही इहु त्रिपतै आन न कतहू धावउ ॥२॥तुम जो

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ਬਿਨੁ ਸਿਮਰਨ ਜੋ ਜੀਵਨੁ ਬਲਨਾ ਸਰਪ ਜੈਸੇ ਅਰਜਾਰੀ ॥बिनु सिमरन जो जीवनु बलना सरप जैसे अरजारी ॥भगवान के सिमरन के बिना जीना वासनाओं की अग्नि में जलने की भांति है, जिस तरह एक सांप अपने आंतरिक जहर को पालता हुआ लम्बी उम्र तक जहर की जलन में जलता रहता है। ਨਵ ਖੰਡਨ ਕੋ ਰਾਜੁ ਕਮਾਵੈ

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ੴ ਸਤਿ ਨਾਮੁ ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ ਗੁਰਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ੴ सति नामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुरप्रसादि ॥परमात्मा एक है, उसका नाम सत्य है। वह सृष्टि का रचयिता सर्वशक्तिमान है। उसमें किसी तरह का भय व्याप्त नहीं है, उसकी किसी से शत्रुता नहीं, वह कालातीत, अजन्मा एवं स्वयंभू

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ਭਾਹਿ ਬਲੰਦੜੀ ਬੁਝਿ ਗਈ ਰਖੰਦੜੋ ਪ੍ਰਭੁ ਆਪਿ ॥ भाहि बलंदड़ी बुझि गई रखंदड़ो प्रभु आपि ॥ मेरे मन में प्रज्वलित तृष्णा की अग्नि बुझ गई है तथा प्रभु स्वयं ही मेरा रखवाला बना है। The fire-like painful anguish of the worldly desires of a person is put out, because God Himself becomes the savior of

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ਹੋਇ ਪਵਿਤ੍ਰ ਸਰੀਰੁ ਚਰਨਾ ਧੂਰੀਐ ॥ होइ पवित्र सरीरु चरना धूरीऐ ॥ तेरी चरण-धूलि मिलने से मेरा यह शरीर पवित्र-पावन हो सकता है। O’ God, by humbly meditating on Your Name, my body would become sanctified. ਪਾਰਬ੍ਰਹਮ ਗੁਰਦੇਵ ਸਦਾ ਹਜੂਰੀਐ ॥੧੩॥ पारब्रहम गुरदेव सदा हजूरीऐ ॥१३॥ हे परब्रह्म, हे गुरुदेव ! करुणा करो ताकि मैं

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