Hindi Page 717
ਸਾਂਤਿ ਸਹਜ ਸੂਖ ਮਨਿ ਉਪਜਿਓ ਕੋਟਿ ਸੂਰ ਨਾਨਕ ਪਰਗਾਸ ॥੨॥੫॥੨੪॥सांति सहज सूख मनि उपजिओ कोटि सूर नानक परगास ॥२॥५॥२४॥हे नानक ! मेरे मन में करोड़ों सूर्य जितना प्रभु ज्योति का प्रकाश हो गया है और मन में सहज सुख एवं शांति उत्पन्न हो गई है॥ २॥ ५ ॥ २४॥ ਟੋਡੀ ਮਹਲਾ ੫ ॥टोडी महला ५