Hindi Page 1147
ਕਰਿ ਕਿਰਪਾ ਨਾਨਕ ਸੁਖੁ ਪਾਏ ॥੪॥੨੫॥੩੮॥करि किरपा नानक सुखु पाए ॥४॥२५॥३८॥नानक की विनती है कि हे प्रभु ! कृपा करो, ताकि सुख प्राप्त हो॥४॥ २५॥ ३८॥ ਭੈਰਉ ਮਹਲਾ ੫ ॥भैरउ महला ५ ॥भैरउ महला ५॥ ਤੇਰੀ ਟੇਕ ਰਹਾ ਕਲਿ ਮਾਹਿ ॥तेरी टेक रहा कलि माहि ॥हे मालिक ! इस घोर कलियुग में तेरे आसरे ही