Hindi Page 1383
ਗੋਰਾਂ ਸੇ ਨਿਮਾਣੀਆ ਬਹਸਨਿ ਰੂਹਾਂ ਮਲਿ ॥गोरां से निमाणीआ बहसनि रूहां मलि ॥इन बेचारी कब्रों पर रूहें हक जमाकर बैठ गई हैं। ਆਖੀਂ ਸੇਖਾ ਬੰਦਗੀ ਚਲਣੁ ਅਜੁ ਕਿ ਕਲਿ ॥੯੭॥आखीं सेखा बंदगी चलणु अजु कि कलि ॥९७॥हे शेख फरीद ! रब की बंदगी कर लो, क्योंकि आज या कल चले जाना है॥६७ ॥ ਫਰੀਦਾ ਮਉਤੈ