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ਕੀਚੜਿ ਹਾਥੁ ਨ ਬੂਡਈ ਏਕਾ ਨਦਰਿ ਨਿਹਾਲਿ ॥कीचड़ि हाथु न बूडई एका नदरि निहालि ॥यदि मालिक की कृपा-दृष्टि हो जाए तो हाथ पाप-विकारों के कीचड़ में नहीं फँसते। ਨਾਨਕ ਗੁਰਮੁਖਿ ਉਬਰੇ ਗੁਰੁ ਸਰਵਰੁ ਸਚੀ ਪਾਲਿ ॥੮॥नानक गुरमुखि उबरे गुरु सरवरु सची पालि ॥८॥गुरु नानक का मत है कि गुरु की शरण में जीव संसार के