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ਇਹੁ ਕਾਰਣੁ ਕਰਤਾ ਕਰੇ ਜੋਤੀ ਜੋਤਿ ਸਮਾਇ ॥੪॥੩॥੫॥इहु कारणु करता करे जोती जोति समाइ ॥४॥३॥५॥सृजनहार प्रभु ने यह कार्य सम्पूर्ण किया है तथा लहने की ज्योति नानक की ज्योति में समा गई॥ ४॥ ३ ॥ ५ ॥ ਗੂਜਰੀ ਮਹਲਾ ੩ ॥गूजरी महला ३ ॥गूजरी महला ३ ॥ ਰਾਮ ਰਾਮ ਸਭੁ ਕੋ ਕਹੈ ਕਹਿਐ ਰਾਮੁ ਨ

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ਰਾਗੁ ਗੂਜਰੀ ਮਹਲਾ ੩ ਘਰੁ ੧रागु गूजरी महला ३ घरु १रागु गूजरी महला ३ घरु १ ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ईश्वर एक है, जिसे सतगुरु की कृपा से पाया जा सकता है। ਧ੍ਰਿਗੁ ਇਵੇਹਾ ਜੀਵਣਾ ਜਿਤੁ ਹਰਿ ਪ੍ਰੀਤਿ ਨ ਪਾਇ ॥ध्रिगु इवेहा जीवणा जितु हरि प्रीति न पाइ ॥ऐसे जीवन को तो धिक्कार

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ੴ ਸਤਿਨਾਮੁ ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ ਗੁਰਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ੴ सतिनामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुरप्रसादि ॥वह परब्रह्म परमेश्वर एक है, उसका नाम सत्य है, वह सृष्टि की रचना करने वाला सर्वशक्तिमान है, उसका किसी से वैर नहीं, वह निर्वैर है, वस्तुतः सब जीवों पर उसकी समान दृष्टि है,

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ਇਹ ਬਿਧਿ ਸੁਨਿ ਕੈ ਜਾਟਰੋ ਉਠਿ ਭਗਤੀ ਲਾਗਾ ॥इह बिधि सुनि कै जाटरो उठि भगती लागा ॥इस तरह की कथाएँ सुनकर धन्ना जाट भी प्रेरित होकर भगवान की भक्ति करने लगा। ਮਿਲੇ ਪ੍ਰਤਖਿ ਗੁਸਾਈਆ ਧੰਨਾ ਵਡਭਾਗਾ ॥੪॥੨॥मिले प्रतखि गुसाईआ धंना वडभागा ॥४॥२॥धन्ना जाट भाग्यवान हो गया है, जो उसे साक्षात् गोसाई के दर्शन प्राप्त हुए॥

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ਤਾ ਮਹਿ ਮਗਨ ਹੋਤ ਨ ਤੇਰੋ ਜਨੁ ॥੨॥ता महि मगन होत न तेरो जनु ॥२॥तेरा सेवक इनके भीतर मग्न नहीं होता॥ २॥ ਪ੍ਰੇਮ ਕੀ ਜੇਵਰੀ ਬਾਧਿਓ ਤੇਰੋ ਜਨ ॥प्रेम की जेवरी बाधिओ तेरो जन ॥रविदास कहते हैं कि हे प्रभु ! तेरा सेवक तेरी प्रेम की रस्सी से बंधा हुआ है, ਕਹਿ ਰਵਿਦਾਸ ਛੂਟਿਬੋ ਕਵਨ

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ਰਾਮ ਰਸਾਇਨ ਪੀਓ ਰੇ ਦਗਰਾ ॥੩॥੪॥राम रसाइन पीओ रे दगरा ॥३॥४॥हे दगावाज ! राम-नाम रूपी अमृत का पान कर॥ ३॥ ४॥ ਆਸਾ ॥आसा ॥आसा ॥ ਪਾਰਬ੍ਰਹਮੁ ਜਿ ਚੀਨੑਸੀ ਆਸਾ ਤੇ ਨ ਭਾਵਸੀ ॥पारब्रहमु जि चीन्हसी आसा ते न भावसी ॥जो आदमी पारब्रह्म को पहचान लेता है, उसे अन्य आशाएँ अच्छी नहीं लगती। ਰਾਮਾ ਭਗਤਹ ਚੇਤੀਅਲੇ

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ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ईश्वर एक है, जिसे सतगुरु की कृपा से पाया जा सकता है। ਆਸਾ ਬਾਣੀ ਸ੍ਰੀ ਨਾਮਦੇਉ ਜੀ ਕੀआसा बाणी स्री नामदेउ जी कीआसा बाणी श्री नामदेउ जी की ਏਕ ਅਨੇਕ ਬਿਆਪਕ ਪੂਰਕ ਜਤ ਦੇਖਉ ਤਤ ਸੋਈ ॥एक अनेक बिआपक पूरक जत देखउ तत सोई ॥एक ईश्वर ही अनेक रूपों

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ਆਸਾ ॥आसा ॥आसा ॥ ਮੇਰੀ ਬਹੁਰੀਆ ਕੋ ਧਨੀਆ ਨਾਉ ॥मेरी बहुरीआ को धनीआ नाउ ॥(कबीर की माता कहती है कि) मेरी बहू का नाम धनीआ (धनवन्ती) था ਲੇ ਰਾਖਿਓ ਰਾਮ ਜਨੀਆ ਨਾਉ ॥੧॥ले राखिओ राम जनीआ नाउ ॥१॥परन्तु (साधु-संतों के प्रभाव से) अब उसका नाम राम-जनिया (राम की सेविका) रख दिया गया है॥ १॥ ਇਨੑ

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ਜਉ ਮੈ ਰੂਪ ਕੀਏ ਬਹੁਤੇਰੇ ਅਬ ਫੁਨਿ ਰੂਪੁ ਨ ਹੋਈ ॥जउ मै रूप कीए बहुतेरे अब फुनि रूपु न होई ॥चाहे मैंने अनेक रूप (जन्म) धारण किए हैं। परन्तु अब मैं दोबारा अन्य रूप (जन्म) धारण नहीं करूंगा। ਤਾਗਾ ਤੰਤੁ ਸਾਜੁ ਸਭੁ ਥਾਕਾ ਰਾਮ ਨਾਮ ਬਸਿ ਹੋਈ ॥੧॥तागा तंतु साजु सभु थाका राम नाम बसि

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ਜੀਵਨੈ ਕੀ ਆਸ ਕਰਹਿ ਜਮੁ ਨਿਹਾਰੈ ਸਾਸਾ ॥जीवनै की आस करहि जमु निहारै सासा ॥तू अधिक जीवन जीने की आशा करता है परन्तु यम तेरी सांसें देख रहा है। ਬਾਜੀਗਰੀ ਸੰਸਾਰੁ ਕਬੀਰਾ ਚੇਤਿ ਢਾਲਿ ਪਾਸਾ ॥੩॥੧॥੨੩॥बाजीगरी संसारु कबीरा चेति ढालि पासा ॥३॥१॥२३॥हे कबीर ! यह दुनिया तो बाजीगर का खेल है इसलिए सोच-समझकर जीवन बाजी

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