Hindi Page 1074
ਆਪੇ ਸਚੁ ਧਾਰਿਓ ਸਭੁ ਸਾਚਾ ਸਚੇ ਸਚਿ ਵਰਤੀਜਾ ਹੇ ॥੪॥आपे सचु धारिओ सभु साचा सचे सचि वरतीजा हे ॥४॥उसने स्वयं ही सत्य को धारण किया हुआ है, सब ओर उसके सत्य का ही प्रसार है और वह परम सत्य के रूप में ही कार्यशील है ॥४॥ ਸਚੁ ਤਪਾਵਸੁ ਸਚੇ ਕੇਰਾ ॥सचु तपावसु सचे केरा ॥उस