Hindi Page 866
ਗੁਰ ਕੇ ਚਰਨ ਕਮਲ ਨਮਸਕਾਰਿ ॥गुर के चरन कमल नमसकारि ॥गुरु के चरण-कमल को नमन करो; ਕਾਮੁ ਕ੍ਰੋਧੁ ਇਸੁ ਤਨ ਤੇ ਮਾਰਿ ॥कामु क्रोधु इसु तन ते मारि ॥इस प्रकार इस तन में से काम-क्रोध को मार दो। ਹੋਇ ਰਹੀਐ ਸਗਲ ਕੀ ਰੀਨਾ ॥होइ रहीऐ सगल की रीना ॥हमें सबके चरणों की धूलि बनकर रहना