Hindi Page 542
ਆਵਣੁ ਤ ਜਾਣਾ ਤਿਨਹਿ ਕੀਆ ਜਿਨਿ ਮੇਦਨਿ ਸਿਰਜੀਆ ॥आवणु त जाणा तिनहि कीआ जिनि मेदनि सिरजीआ ॥जिस ने पृथ्वी की रचना की है, उसने ही जीवों के जन्म-मरण का चक्र नियत किया हुआ है। ਇਕਨਾ ਮੇਲਿ ਸਤਿਗੁਰੁ ਮਹਲਿ ਬੁਲਾਏ ਇਕਿ ਭਰਮਿ ਭੂਲੇ ਫਿਰਦਿਆ ॥इकना मेलि सतिगुरु महलि बुलाए इकि भरमि भूले फिरदिआ ॥परमात्मा कुछ जीवों