Hindi Page 552
ਮਨਮੁਖ ਮਾਇਆ ਮੋਹੁ ਹੈ ਨਾਮਿ ਨ ਲਗੋ ਪਿਆਰੁ ॥मनमुख माइआ मोहु है नामि न लगो पिआरु ॥स्वेच्छाचारी मनुष्य माया के मोह में लीन है, जिसके कारण वह परमात्मा के नाम से प्रेम नहीं लगाता। ਕੂੜੁ ਕਮਾਵੈ ਕੂੜੁ ਸੰਗ੍ਰਹੈ ਕੂੜੁ ਕਰੇ ਆਹਾਰੁ ॥कूड़ु कमावै कूड़ु संग्रहै कूड़ु करे आहारु ॥वह झूठ ही कमाता है और झूठ