Hindi Page 375

ਦਰਸਨ ਕੀ ਮਨਿ ਆਸ ਘਨੇਰੀ ਕੋਈ ਐਸਾ ਸੰਤੁ ਮੋ ਕਉ ਪਿਰਹਿ ਮਿਲਾਵੈ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥दरसन की मनि आस घनेरी कोई ऐसा संतु मो कउ पिरहि मिलावै ॥१॥ रहाउ ॥मेरे मन में उसके दर्शन की तीव्र अभिलाषा है। आशा है कि कोई ऐसा संत (सच्चा गुरु) मिल जाए, जो मेरा प्रियतम से मिलन करवा दे ॥

Hindi Page 374

ਆਸਾ ਮਹਲਾ ੫ ਪੰਚਪਦੇ ॥आसा महला ५ पंचपदे ॥आसा महला ५ पंचपदे ॥ ਪ੍ਰਥਮੇ ਤੇਰੀ ਨੀਕੀ ਜਾਤਿ ॥प्रथमे तेरी नीकी जाति ॥हे जीव रूपी नारी ! सर्वप्रथम, तेरी जाति कुलीन है। ਦੁਤੀਆ ਤੇਰੀ ਮਨੀਐ ਪਾਂਤਿ ॥दुतीआ तेरी मनीऐ पांति ॥द्वितीय, तेरा वंश भी महान् माना जाता है। ਤ੍ਰਿਤੀਆ ਤੇਰਾ ਸੁੰਦਰ ਥਾਨੁ ॥त्रितीआ तेरा सुंदर थानु

Hindi Page 373

ਆਸਾ ਮਹਲਾ ੫ ॥आसा महला ५ ॥आसा महला ५ ॥ ਦੂਖ ਰੋਗ ਭਏ ਗਤੁ ਤਨ ਤੇ ਮਨੁ ਨਿਰਮਲੁ ਹਰਿ ਹਰਿ ਗੁਣ ਗਾਇ ॥दूख रोग भए गतु तन ते मनु निरमलु हरि हरि गुण गाइ ॥हरि-परमेश्वर का गुणानुवाद करने से मेरा मन निर्मल हो गया है और मेरे तन से दुःख-रोग मिट गए हैं। ਭਏ ਅਨੰਦ

Hindi Page 372

ਆਸਾ ਮਹਲਾ ੫ ॥आसा महला ५ ॥आसा महला ५ ॥ ਪਰਦੇਸੁ ਝਾਗਿ ਸਉਦੇ ਕਉ ਆਇਆ ॥परदेसु झागि सउदे कउ आइआ ॥मैं परदेस में भटकने के पश्चात् बड़ी मुश्किल से तेरे द्वार पर नाम रूपी सौदा लेने हेतु आया हूँ। ਵਸਤੁ ਅਨੂਪ ਸੁਣੀ ਲਾਭਾਇਆ ॥वसतु अनूप सुणी लाभाइआ ॥मैंने सुना है कि तेरे पास नाम एक

Hindi Page 371

ਜਜਿ ਕਾਜਿ ਪਰਥਾਇ ਸੁਹਾਈ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥जजि काजि परथाइ सुहाई ॥१॥ रहाउ ॥पूजा, शादी-विवाह इत्यादि शुभ कार्यों में सर्वत्र यह बहुत सुन्दर लगती है॥ १॥ रहाउ॥ ਜਿਚਰੁ ਵਸੀ ਪਿਤਾ ਕੈ ਸਾਥਿ ॥जिचरु वसी पिता कै साथि ॥जब तक भक्ति रूपी नारी अपने पिता अर्थात् गुरु के साथ रहती है,” ਤਿਚਰੁ ਕੰਤੁ ਬਹੁ ਫਿਰੈ ਉਦਾਸਿ ॥तिचरु

Hindi Page 370

ਰਾਖੁ ਸਰਣਿ ਜਗਦੀਸੁਰ ਪਿਆਰੇ ਮੋਹਿ ਸਰਧਾ ਪੂਰਿ ਹਰਿ ਗੁਸਾਈ ॥राखु सरणि जगदीसुर पिआरे मोहि सरधा पूरि हरि गुसाई ॥हे प्यारे जगदीश्वर ! मुझे अपनी शरण में रखें। हे हरि गोसाई ! मेरी श्रद्धा पूर्ण करो। ਜਨ ਨਾਨਕ ਕੈ ਮਨਿ ਅਨਦੁ ਹੋਤ ਹੈ ਹਰਿ ਦਰਸਨੁ ਨਿਮਖ ਦਿਖਾਈ ॥੨॥੩੯॥੧੩॥੧੫॥੬੭॥जन नानक कै मनि अनदु होत है हरि दरसनु

Hindi Page 369

ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ईश्वर एक है, जिसे सतगुरु की कृपा से पाया जा सकता है। ਰਾਗੁ ਆਸਾ ਘਰੁ ੮ ਕੇ ਕਾਫੀ ਮਹਲਾ ੪ ॥रागु आसा घरु ८ के काफी महला ४ ॥रागु आसा घरु ८ के काफी महला ४ ॥ ਆਇਆ ਮਰਣੁ ਧੁਰਾਹੁ ਹਉਮੈ ਰੋਈਐ ॥आइआ मरणु धुराहु हउमै रोईऐ ॥हे भाई

Hindi Page 368

ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ईश्वर एक है, जिसे सतगुरु की कृपा से पाया जा सकता है। ਮਹਲਾ ੪ ਰਾਗੁ ਆਸਾ ਘਰੁ ੬ ਕੇ ੩ ॥महला ४ रागु आसा घरु ६ के ३ ॥महला ४ रागु आसा घरु ६ के ३ ॥ ਹਥਿ ਕਰਿ ਤੰਤੁ ਵਜਾਵੈ ਜੋਗੀ ਥੋਥਰ ਵਾਜੈ ਬੇਨ ॥हथि करि तंतु वजावै

Hindi Page 367

ਵਡਾ ਵਡਾ ਹਰਿ ਭਾਗ ਕਰਿ ਪਾਇਆ ॥वडा वडा हरि भाग करि पाइआ ॥बड़ों से बड़ा हरि अहोभाग्य से ही प्राप्त होता है। ਨਾਨਕ ਗੁਰਮੁਖਿ ਨਾਮੁ ਦਿਵਾਇਆ ॥੪॥੪॥੫੬॥नानक गुरमुखि नामु दिवाइआ ॥४॥४॥५६॥हे नानक ! हरि ने मुझे अपना नाम गुरु से दिलवाया है॥ ४॥ ४॥ ५६॥ ਆਸਾ ਮਹਲਾ ੪ ॥आसा महला ४ ॥आसा महला ४ ॥

Hindi Page 366

ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ईश्वर एक है, जिसे सतगुरु की कृपा से पाया जा सकता है। ਰਾਗੁ ਆਸਾ ਘਰੁ ੨ ਮਹਲਾ ੪ ॥रागु आसा घरु २ महला ४ ॥रागु आसा घरु २ महला ४ ॥ ਕਿਸ ਹੀ ਧੜਾ ਕੀਆ ਮਿਤ੍ਰ ਸੁਤ ਨਾਲਿ ਭਾਈ ॥किस ही धड़ा कीआ मित्र सुत नालि भाई ॥किसी ने

error: Content is protected !!