Hindi Page 375
ਦਰਸਨ ਕੀ ਮਨਿ ਆਸ ਘਨੇਰੀ ਕੋਈ ਐਸਾ ਸੰਤੁ ਮੋ ਕਉ ਪਿਰਹਿ ਮਿਲਾਵੈ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥दरसन की मनि आस घनेरी कोई ऐसा संतु मो कउ पिरहि मिलावै ॥१॥ रहाउ ॥मेरे मन में उसके दर्शन की तीव्र अभिलाषा है। आशा है कि कोई ऐसा संत (सच्चा गुरु) मिल जाए, जो मेरा प्रियतम से मिलन करवा दे ॥