Hindi Page 164
ਸੰਨਿਆਸੀ ਬਿਭੂਤ ਲਾਇ ਦੇਹ ਸਵਾਰੀ ॥संनिआसी बिभूत लाइ देह सवारी ॥संन्यासी विभूति लगाकर अपने शरीर का श्रृंगार करता है। ਪਰ ਤ੍ਰਿਅ ਤਿਆਗੁ ਕਰੀ ਬ੍ਰਹਮਚਾਰੀ ॥पर त्रिअ तिआगु करी ब्रहमचारी ॥वह पराई नारी को त्याग कर ब्रह्मचारी बनता है। ਮੈ ਮੂਰਖ ਹਰਿ ਆਸ ਤੁਮਾਰੀ ॥੨॥मै मूरख हरि आस तुमारी ॥२॥हे हरि ! मुझ मूर्ख को तुझ