Hindi Page 143

ਖੁੰਢਾ ਅੰਦਰਿ ਰਖਿ ਕੈ ਦੇਨਿ ਸੁ ਮਲ ਸਜਾਇ ॥खुंढा अंदरि रखि कै देनि सु मल सजाइ ॥बेलनों के बीच रखकर मलकर अथवा पहलवानों के समान जो पुरुष हैं वह इसको दबाते और दण्ड देते हैं। ਰਸੁ ਕਸੁ ਟਟਰਿ ਪਾਈਐ ਤਪੈ ਤੈ ਵਿਲਲਾਇ ॥रसु कसु टटरि पाईऐ तपै तै विललाइ ॥उसका रस खींचकर कड़ाहे में डाला

Hindi Page 142

ਪਰਬਤੁ ਸੁਇਨਾ ਰੁਪਾ ਹੋਵੈ ਹੀਰੇ ਲਾਲ ਜੜਾਉ ॥परबतु सुइना रुपा होवै हीरे लाल जड़ाउ ॥यदि हीरे एवं जवाहरों से जड़ित सोने एवं चांदी का पर्वत भी मुझे मिल जाए, ਭੀ ਤੂੰਹੈ ਸਾਲਾਹਣਾ ਆਖਣ ਲਹੈ ਨ ਚਾਉ ॥੧॥भी तूंहै सालाहणा आखण लहै न चाउ ॥१॥मैं फिर भी तेरा ही यशोगान करूँगा और तेरी महिमा करने की

Hindi Page 141

ਮਃ ੧ ॥मः १ ॥महला १॥ ਹਕੁ ਪਰਾਇਆ ਨਾਨਕਾ ਉਸੁ ਸੂਅਰ ਉਸੁ ਗਾਇ ॥हकु पराइआ नानका उसु सूअर उसु गाइ ॥हे नानक ! पराया हक खाना मुसलमान के लिए सूअर खाने के समान है और हिन्दू के लिए गाय खाने के समान है। ਗੁਰੁ ਪੀਰੁ ਹਾਮਾ ਤਾ ਭਰੇ ਜਾ ਮੁਰਦਾਰੁ ਨ ਖਾਇ ॥गुरु पीरु हामा

Hindi Page 140

ਅਵਰੀ ਨੋ ਸਮਝਾਵਣਿ ਜਾਇ ॥अवरी नो समझावणि जाइ ॥फिर भी वह दूसरों को उपदेश करने जाता है कि झूठ मत बोलो। ਮੁਠਾ ਆਪਿ ਮੁਹਾਏ ਸਾਥੈ ॥मुठा आपि मुहाए साथै ॥जो स्वयं लुटा जा रहा है और अपने साथियों को भी लुटा रहा है, ਨਾਨਕ ਐਸਾ ਆਗੂ ਜਾਪੈ ॥੧॥नानक ऐसा आगू जापै ॥१॥हे नानक ! वह

Hindi Page 139

ਸੋਭਾ ਸੁਰਤਿ ਸੁਹਾਵਣੀ ਜਿਨਿ ਹਰਿ ਸੇਤੀ ਚਿਤੁ ਲਾਇਆ ॥੨॥सोभा सुरति सुहावणी जिनि हरि सेती चितु लाइआ ॥२॥जिन्होंने प्रभु से अपना चित लगाया है, उनकी जगत् में बड़ी शोभा होती है एवं उनकी सुरति सुन्दर हो जाती है॥ २ ॥ ਸਲੋਕੁ ਮਃ ੨ ॥सलोकु मः २ ॥श्लोक महला २॥ ਅਖੀ ਬਾਝਹੁ ਵੇਖਣਾ ਵਿਣੁ ਕੰਨਾ ਸੁਨਣਾ ॥अखी

Hindi Page 138

ਆਇਆ ਗਇਆ ਮੁਇਆ ਨਾਉ ॥आइआ गइआ मुइआ नाउ ॥वह इस संसार में आया था और चला गया है और उसका नाम भी मर मिट गया है। ਪਿਛੈ ਪਤਲਿ ਸਦਿਹੁ ਕਾਵ ॥पिछै पतलि सदिहु काव ॥उसके उपरांत पत्तलों पर भोजन दिया जाता है और कौए बुलाए जाते हैं अर्थात् श्राद्ध किए जाते हैं। ਨਾਨਕ ਮਨਮੁਖਿ ਅੰਧੁ

Hindi Page 137

ਸਸੁਰੈ ਪੇਈਐ ਤਿਸੁ ਕੰਤ ਕੀ ਵਡਾ ਜਿਸੁ ਪਰਵਾਰੁ ॥ससुरै पेईऐ तिसु कंत की वडा जिसु परवारु ॥लोक-परलोक में जीव-स्त्री उस प्रभु की है, जिसका बड़ा परिवार है। ਊਚਾ ਅਗਮ ਅਗਾਧਿ ਬੋਧ ਕਿਛੁ ਅੰਤੁ ਨ ਪਾਰਾਵਾਰੁ ॥ऊचा अगम अगाधि बोध किछु अंतु न पारावारु ॥प्रभु सर्वोच्च एवं अगम्य है। उसका ज्ञान अथाह है और उसके आर-पार

Hindi Page 136

ਕਾਮਿ ਕਰੋਧਿ ਨ ਮੋਹੀਐ ਬਿਨਸੈ ਲੋਭੁ ਸੁਆਨੁ ॥कामि करोधि न मोहीऐ बिनसै लोभु सुआनु ॥इस तरह काम-क्रोध मोहित नहीं करते और लालच का कूकर (कुत्ता) नाश हो जाता है। ਸਚੈ ਮਾਰਗਿ ਚਲਦਿਆ ਉਸਤਤਿ ਕਰੇ ਜਹਾਨੁ ॥सचै मारगि चलदिआ उसतति करे जहानु ॥संसार उनकी महिमा करता है जो सद्मार्ग पर चलते हैं। ਅਠਸਠਿ ਤੀਰਥ ਸਗਲ ਪੁੰਨ

Hindi Page 135

ਮਨਿ ਤਨਿ ਪਿਆਸ ਦਰਸਨ ਘਣੀ ਕੋਈ ਆਣਿ ਮਿਲਾਵੈ ਮਾਇ ॥मनि तनि पिआस दरसन घणी कोई आणि मिलावै माइ ॥मेरे मन एवं तन में ईश्वर के दर्शनों की अधिकतर तृष्णा है। हे मेरी जननी ! कोई संत आकर मुझे उससे मिला दे। ਸੰਤ ਸਹਾਈ ਪ੍ਰੇਮ ਕੇ ਹਉ ਤਿਨ ਕੈ ਲਾਗਾ ਪਾਇ ॥संत सहाई प्रेम के हउ

Hindi Page 134

ਨਾਨਕ ਕੀ ਪ੍ਰਭ ਬੇਨਤੀ ਪ੍ਰਭ ਮਿਲਹੁ ਪਰਾਪਤਿ ਹੋਇ ॥नानक की प्रभ बेनती प्रभ मिलहु परापति होइ ॥नानक की प्रभु के समक्ष प्रार्थना है कि हे प्रभु ! मुझे आकर मिलो एवं मुझे तेरे दर्शन प्राप्त होते रहें। ਵੈਸਾਖੁ ਸੁਹਾਵਾ ਤਾਂ ਲਗੈ ਜਾ ਸੰਤੁ ਭੇਟੈ ਹਰਿ ਸੋਇ ॥੩॥वैसाखु सुहावा तां लगै जा संतु भेटै हरि सोइ

error: Content is protected !!