Hindi Page 1354
ਧ੍ਰਿਗੰਤ ਮਾਤ ਪਿਤਾ ਸਨੇਹੰ ਧ੍ਰਿਗ ਸਨੇਹੰ ਭ੍ਰਾਤ ਬਾਂਧਵਹ ॥ध्रिगंत मात पिता सनेहं ध्रिग सनेहं भ्रात बांधवह ॥माता-पिता के साथ झूठा प्रेम धिक्कार योग्य है, भाइयों एवं रिश्तेदारों का प्रेम भी धिक्कार योग्य है। ਧ੍ਰਿਗ ਸ੍ਨੇਹੰ ਬਨਿਤਾ ਬਿਲਾਸ ਸੁਤਹ ॥ध्रिग स्नेहं बनिता बिलास सुतह ॥पत्नी से प्रेम एवं पुत्र के साथ खुशी भी धिक्कार योग्य है।