Hindi Page 41
ਸਿਰੀਰਾਗੁ ਮਹਲਾ ੪ ॥सिरीरागु महला ४ ॥ श्रीरागु महला ੪ ॥ ਹਉ ਪੰਥੁ ਦਸਾਈ ਨਿਤ ਖੜੀ ਕੋਈ ਪ੍ਰਭੁ ਦਸੇ ਤਿਨਿ ਜਾਉ ॥हउ पंथु दसाई नित खड़ी कोई प्रभु दसे तिनि जाउ ॥ जीव रूपी नारी नित्य खड़ी होकर कहती है कि मैं प्रतिदिन अपने प्रियतम प्रभु का मार्ग देखती रहती हूँ कि यदि कोई मुझे मार्गदर्शन करे