Hindi Page 111
ਲਖ ਚਉਰਾਸੀਹ ਜੀਅ ਉਪਾਏ ॥लख चउरासीह जीअ उपाए ॥पारब्रह्म-प्रभु ने चौरासी लाख योनियों में अनंत जीव उत्पन्न किए हैं। ਜਿਸ ਨੋ ਨਦਰਿ ਕਰੇ ਤਿਸੁ ਗੁਰੂ ਮਿਲਾਏ ॥जिस नो नदरि करे तिसु गुरू मिलाए ॥जिस जीव पर वह अपनी दया-दृष्टि करता है, उसको गुरु से मिला देता है। ਕਿਲਬਿਖ ਕਾਟਿ ਸਦਾ ਜਨ ਨਿਰਮਲ ਦਰਿ ਸਚੈ ਨਾਮਿ